एडीसी अभिषेक मीणा व आयोग के सदस्य विजय कुमार ने ली अधिकारियों की बैठक
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग अगस्त व सितंबर माह में विभिन्न पदों के लिए परीक्षा आयोजित करने की तैयारी में है। इसी संदर्भ में आज अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक मीणा व आयोग के सदस्य विजय कुमार ने लघु सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक की।एडीसी अभिषेक मीणा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अधिकारी पहले से ही एक रणनीति बनाकर परीक्षाओं को कराएं। परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की आशंका नहीं रहनी चाहिए। एडीसी ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि बोर्ड द्वारा भेजी गई स्कूलों की सूची में ये सुनिश्चित करें कि सभी का पता सही रहे। किसी भी सूरत में दूर-दराज से आने वाले परीक्षार्थियों को पता ढूंढने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए। अगर कुछ फेरबदल करना है तो आज ही बोर्ड को लिखित में सूचना दें। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह भी सुनिश्चित कर लें कि इस दौरान किसी कालेज या स्कूल में पहले से इस माह में राज्य या केंद्र सरकार द्वारा कोई परीक्षा निर्धारित न हो। अगर कोइ परीक्षा है तो इसकी सूचना भी बोर्ड को दी जाए। एडीसी ने कहा कि परीक्षा के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा समय पर ड्यूटी मैजिस्ट्रेट, सुपरवाइजर व पेपर ढुलाई के प्रबंध कर लिए जाएंगे। बोर्ड की तरफ से जैसे ही डिमांड आएगी जिला प्रशासन उस पर तुरंत कार्यवाही करेगा। उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्र के बाहर की सभी व्यवस्थाएं जिला प्रशासन करेगा जबकि केंद्र के अंदर की सीसीटीवी, जैमर व सामग्री आदि की सभी व्यवस्थाएं आयोग की ओर से होनी हैं।इस मौके पर आयोग के सदस्य विजय कुमार ने कहा कि सरकार व हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग हमेशा की तरह ये परीक्षा भी पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से कराएगा। इस मामलें में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अगर हमें कार्यालयों में अच्छा स्टाफ चाहिए तो हमारी जिम्मेदारी है कि परीक्षा पूरी तरह से पारदर्शी हो। साक्षात्कार के नंबर कम करना इसी रणनीति का हिस्सा है। आयोग के लिए कोई अपना-पराया नहीं है। आयोग केवल योग्य उम्मीदवारों की भर्ती करता है। इस व्यवस्था में परीक्षा सबसे अहम होती है। ऐसे में अधिकारी आयोग द्वारा जारी सभी गाइडलाइन के अनुसार काम करें। इस बैठक में एसडीएम नारनौल मनोज कुमार, एसडीएम महेंद्रगढ़ दिनेश कुमार, नगराधीश अमित कुमार, सीएमजीजीए कौस्तुभ विराट, जिला शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी विजेंद्र श्योराण के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।