अफ्रीका में आ रही दरार!

दो हिस्सों में बंट जाएगा महाद्वीप, बनेगा नया समुद्र, स्टडी में चौंकाने वाला दावा


पृथ्वी के अंदरुनी हिस्सों में लगातार परिवर्तन होता रहा था. इस हलचल से तय होता है कि उसके ऊपर की सतह पर जमीन और पानी में क्या बदलाव होगा. इस बीच जियोलॉजिस्ट्स की माने को अफ्रीका में कुछ बड़ा परिवर्तन हो सकता है. साइंस जर्नल जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स की स्टडी के मुताबिक अफ्रीका दो हिस्सों में बंट रहा है. एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि केन्या के नैरोबी-नारोक हाइवे के नजदीक करीब एक किलोमीटर लंबी दरार भी आ चुकी है. इससे पहले 2005 में इथियोपिया में भी दरार दिखने की खबर सामने आई थी. दावा किया गया था कि कुछ ही दिनों में ये दरार करीब 56 किलोमीटर लंबी हो गई थी.

अफ्रीका के दो टुकड़ों में बंटने के साथ वैज्ञानिक एक दुर्लभ प्राकृतिक घटनाओं की शुरुआत की भविष्यवाणी भी कर रहे हैं. रिसर्चर्स का मानना है कि अगर अफ्रीका दो टुकड़ों में बंट गया तो यहां एक नए महासागर का निर्माण हो सकता है. सालों बाद ज़ाम्बिया और युगांडा जैसे देशों को अपना कोस्टल लाइन भी मिल सकता है.

टेक्टोनिक प्लेट के बदलाव से बड़ा असर
साइंस डायरेक्ट के अनुसार, एक टेक्टोनिक प्लेट को डायवर्जेंट प्लेट बॉर्डर द्वारा दो या दो से अधिक टेक्टोनिक प्लेटों में विभाजित किया जाता है तो उसे रिफ्टिंग कहते है. वहीं नेशनल ज्योग्राफिक के अनुसार, जब पृथ्वी के टेक्टोनिक प्लेट अलग होते हैं, तो एक लोलैंड एरिया बनता है जिसे रिफ्ट वैली कहते हैं. ये रिफ्ट भूमि और समुद्र तल, दोनों पर पाई जा सकती हैं. IFLScience रिसर्च के अनुसार, कम से कम 138 मिलियन साल पहले दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका अलग-अलग महाद्वीपों में विभाजित हुए थे. एनबीसी न्यूज के अनुसार, अरेबियन प्लेट जब अफ्रीका दूर होने लगे तो Red Sea और  Gulf of Aden बने.

दो हिस्सों में क्यों बंट रहा अफ्रीका है?
साल 2005 में इथियोपिया के रेगिस्तान में देखी गई दरार को ईस्ट अफ्रीकन रिफ्ट का जिम्मेदार माना जा रहा है, जो 56 किलोमीटर (35 मील) लंबा है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसकी वजह से एक नया समु्द्र बनेगा. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार रिफ्ट तीन टेक्टोनिक प्लेटों के इंटरसेक्शन के पास पाया गया था, जो पहले से ही अलग होना शुरू हो गए थे. इनमें अफ्रीकी न्युबियन, अफ्रीकी सोमाली और अरेबियन शामिल हैं. इस्ट अफ्रीकन रिफ्ट दक्षिण में जिम्बाब्वे से उत्तर में अदन की खाड़ी तक लगभग 3,000 किमी तक फैली हुई है. बता दें कि सोमाली और न्युबियन प्लेट दो कंपोनेंच हैं जो अफ्रीकन प्लेट बनाते हैं.

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