अब कोरोना वैक्सीन के नाम पर शुरू हुआ ठगी का नया खेल, फेक हेल्थ अफसर के झांसे से ऐसे बचा छात्र, आप भी रहें सतर्क

कोरोना कहर के बीच अब ठगों ने कोविड वैक्सीन को ठगी का नया हथियार बनाया है। भोपाल में एक छात्र को वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर ठगी का शिकार बनाने का प्रयास किया गया। आरोपी ने छात्र को जल्दी रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर वैक्सीन खत्म होने का झांसा देते हुए ओटीपी नंबर मांगा था। हालांकि, छात्र की समझदारी से वह ठगी का शिकार होने से बच गया। उसने इसकी शिकायत साइबर सेल में की है।

एएसपी रजत सकलेचा ने बताया कि शहर में रहने वाले एक छात्र को बुधवार को कॉल आया। कॉलर ने खुद को केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग का अधिकारी बताया। उसने कहा- भारत में कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं। इसी के संबंध में आपको कॉल किया गया है। 

रजिस्ट्रेशन फीस के 500 रुपए भरे जाने हैं। बाकी रुपए वैक्सीन लगाने के दौरान लिए जाएंगे। रजिस्ट्रेशन के लिए आपके मोबाइल पर ओटीपी नंबर आएगा। आपको उसे शेयर करना है। इसके बाद आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा।

छात्र ने कॉलर से कहा कि अभी तो वैक्सीन ही नहीं आई, तो रजिस्ट्रेशन कैसे होने लगे? उसने समझदारी दिखाई और फोन काट दिया। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। हालांकि आरोपियों का पता नहीं चल पाया है।

ऐसे फोन अटेंड न करें

एएसपी सकलेचा के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन के लिए आए फोन कॉल को अटेंड न करें। रजिस्ट्रेशन के नाम पर आप का आधार नंबर मांगा जाएगा। फिर कहेंगे कि आप के मोबाइल पर OTP आएगा, वो बताओ, रजिस्ट्रेशन हो जाएगा और वैक्सीन जल्द मिल जाएगी। OTP बताते ही ठग एकाउंट को हैक कर लेगा।

इस तरह से फंसाते हैं जाल में

साइबर ठग किसी भी तरह ओटीपी नंबर हासिल करना चाहते हैं। इसके लिए एटीएम कार्ड से लेकर क्रेडिट कार्ड एक्सपायर होने, खाता सीज होने, ऑन ऑन लाइन पेमेंट एप बंद होने और खाते में रुपए ट्रांसफर करने के नाम पर लिंक को क्लिक करने तक का झांसा देते हैं। इसलिए किसी को भी एटीएम नंबर, खाता नंबर, पिन (पासवर्ड) और ओटीपी नंबर शेयर नहीं करना चाहिए।

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