अयोध्या की मस्जिद शरीयत कानून के खिलाफ”, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड- जमीन की अदला-बदली की इजाजत नहीं

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा है कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में प्रस्तावित मस्जिद वक्फ अधिनियम के खिलाफ और शरीयत कानूनों के तहत अवैध है। अयोध्या के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन पर बनने वाली मस्जिद और एक अस्पताल की अंतिम रूपरेखा शनिवार को लखनऊ में इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) के कार्यालय में पेश की गई थी। उत्तर प्रदेश राज्य सुन्नी केंद्रीय वक्फ बोर्ड ने उक्त भूखंड पर मस्जिद और अन्य सुविधाएं विकसित करने के लिये आईआईसीएफ का गठन किया है। वहीं, अयोध्या में मस्जिद के निर्माण के लिए बनाए गए न्यास के सचिव अतहर हुसैन ने हालांकि कहा कि हर कोई शरीयत की व्याख्या अपने तरीके से करता है और जब जमीन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत आवंटित हुई है तो यह अवैध नहीं हो सकती। जिलानी ने कहा, ‘वक्फ अधिनियम के तहत मस्जिद या मस्जिद की जमीन किसी दूसरी चीज के बदले में नहीं ली जा सकती। अयोध्या में प्रस्तावित मस्जिद इस कानून का उल्लंघन करती है। यह शरीयत कानून का उल्लंघन करती है क्योंकि वक्फ अधिनियम शरीयत पर आधारित है।’ जिलानी बाबरी मस्जिद ऐक्शन कमिटी के संयोजक भी हैं। यह मुद्दा एआईएमपीएलबी की कार्यकारी समिति की 13 अक्टूबर को हुई बैठक में सांसद असदुद्दीन ओवैसी की तरफ से उठाया गया था। सभी सदस्यों की राय थी कि वक्फ अधिनियम में मस्जिद के लिये जमीन की अदला-बदली की इजाजत नहीं है और इसे “शरीयत कानून में अवैध” माना गया है। अतहर हुसैन ने पूछा, “शरिया की व्याख्या का अधिकार कुछ लोगों के हाथों तक ही सीमित नहीं है। मस्जिद नमाज अदा करने की जगह है। इसलिए अगर हम मस्जिद बना रहे हैं तो इसमें गलत क्या है?”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *