चुनाव शहर की सरकार का: चेयरपर्सन में किसी की हार- जीत की वजह ना बन जाए विजय राव का दांव

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 नगर परिषद के कामकाज की गहरी पकड़ रखने वाले और लगातार चार चुनावों से जीतते आ रहे पूर्व प्रधान विजय राव ने पहली बार नप चुनाव में अपने दम पर एक नया दांव खेला है। खुद को वार्ड 20 से और पत्नी निर्मला राव को चेयरपर्सन उतारकर यह बता दिया है कि मौका लगे तो राजनीति में यह प्रयोग भी कर लेना चाहिए। विजय राव इस चुनाव में पहले ऐसे प्रत्याशी है जो खुद ही स्टार प्रचारक है। वे अपने वार्ड 20 में करवाए गए विकास कार्यों को अपनी ताकत मानकर दोनों पदों के लिए मतदाता से वोट मांग रहे हैं। कभी एक समय था जब पूर्व मंत्री कप्तान अजय सिंह यादव के सबसे करीबियों में रहे विजय राव ने समय के साथ राजनीति के हर रंग का आनंद लिया है। यह वो शख्स है जो सामने वाली सोच से चार कदम आगे चलता है। कप्तान से अनबन हुई तो भाजपाई बन गए। अलग अलग नेताओं से जुड़कर अपना अनुभव बढ़ाया और हिसाब किताब बनाकर नप चुनाव में बड़ी चालाकी से बिना शोर मचाए कूद गए। किसी ने कहा पार्षद का चुनाव लड़ना तो समझ में आता है लेकिन नप चेयरपर्सन  के लिए भी पत्नी को मैदान में उतारना विजय राव का छिपा हुआ एजेंडा है। इसमें कोई दो राय नहीं की नगर निकाय की राजनीति के इस खिलाड़ी को बेहतर ढंग से पता है कि हर वार्ड में किसका क्या समीकरण है। बेशक नप चुनाव के गणित में चेयरपर्सन की कुर्सी आसान नहीं है लेकिन किसी की हार जीत में यह दंपति उम्मीदवार जरूर वजह बनने जा रहा है।

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