अयोध्या ज़मीन विवाद: रामलला, हनुमान गढ़ी के मुख्य पुजारी बोले- जाँच हो

अयोध्या में रामजन्म भूमि पर मंदिर निर्माण के लिए ख़रीदी गई ज़मीन में कथित धांधली के आरोपों को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भले ही खारिज कर दिया हो, लेकिन रामलला विराजमान और हुनुमान गढ़ी के मुख्य पुजारियों ने इस मामले में जाँच की मांग की है। इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने जाँच पर जोर दिया। ज़मीन की खरीद में कथित भ्रष्टाचार का आरोप लगाए जाने के बाद इस मामले में विवाद खड़ा हो गया है।आम आदमी पार्ट के सांसद संजय सिंह और पूर्व विधायक पवन पांडेय ने रविवार को आरोप लगाया था कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने दो करोड़ रुपये की ज़मीन 18.50 करोड़ रुपये में खरीदी। संजय सिंह ने रविवार को लखनऊ में दस्तावेज़ जारी कर आरोप लगाया था कि कुसुम पाठक और हरीश पाठक से सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने यह ज़मीन 7.10 मिनट पर ख़रीदी थी और 5 मिनट बाद इसे रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 18.50 करोड़ में ख़रीद लिया। उन्होंने कहा कि 5 मिनट में ही ज़मीन को इतना महंगा ख़रीदने का प्रस्ताव कैसे पारित हो गया। इन आरोपों के बाद राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की ओर से संजय सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों को झूठ बताया गया था। मंदिर के लिए ज़मीन खरीद में इस कथित भ्रष्टाचार को लेकर बढ़ते विवाद के बीच ही अब पुजारियों के बयान आए हैं। कांग्रेस नेता श्रीनिवास बी वी ने इन पुजारियों के बयान वाले एक वीडियो को ट्वीट किया है।  इस वीडियो में रामलला विराजमान के महंत सतेंद्र दास कहते हैं कि अब इसमें संशय तो होगा ही। वह कहते हैं जिसके सामने भी यह मामला जाएगा कि 2 करोड़ की ज़मीन साढ़े 18 करोड़ में खरीदी गई तो इसका औचित्य क्या रहा और यह कैसे हो गया। ‘एबीपी न्यूज़’ के उस वीडियो क्लिप में वह कहते हैं, ‘यह संशय तो बना रहेगा। इसका तो समाधान यही है कि इसकी जाँच हो।… जो संपत्ति ट्रस्ट के पास आई है वह संपत्ति रामलला की है। रामलला के नाम से ही सारे पैसे आए। मालिक स्वयं रामलला हैं। रामलला के पैसे का दुरुपयोग करना किसी क़ीमत पर उचित नहीं है।’

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