मानव का विकास का इतिहास जीवाश्वों के अध्ययन पर निर्भर है. प्रागैतिहास यानि इंसानों को उस समय के पहले का इतिहास जब उसने लिखना शुरू किया था के साथ रहस्यमय विषय यह भी है कि आधुनिक मानव आज के जैविक स्वरूप में किस तरह से विकसित हुआ. आधुनिक मनुष्य कहां से विकसित हुए यह मानव विकासक्रम के अध्ययन का मुख्य विषय है. अभी तक माना जाता था कि आधुनिक मानव का विकास एक पूर्वज के समूह से हुआ ता जो अफ्रीका से आए थे. लेकिन ऐसा लगता है कि यह कहानी बदलने वाली है. नए अध्ययन से पता चला है कि आधुनिक मानव का विकास दो जनसंख्याओं से हुआ था.
एक जन्मस्थान नहीं
ये दो जनसंख्याएं जिनसे आधुनिक मानव विकसित हुआ, अफ्रीका में दस लाख साल तक अलगअलग रही थीं और फिर मिल गईं यानि मानव की उत्पत्ति किसी एक जगह से नहीं हुई थी. ये प्रजाति अफ्रीका में तब रहती था जब अफ्रीका एशिया से जुड़ा नहीं था. इस अध्ययन से स्पष्ट होता है कि आधुनिक मानवजाति का एक जन्मस्थान नहीं था.
जीनोम के अध्ययन से
वैज्ञानिकों को यह नई जानकारी आज की अफ्रीकी जनसंख्या की जीनोम आंकड़ों से मिली जिससे उन्हें यह पता चल सका कि मानव का विकास कैसे हुआ होगा. नेचर में प्रकाशितअध्ययन में बताया गया है की बावजूद इसके कि व्यापक तौर पर यही माना जाता रहा है कि होमोसेपियन्स अफ्रीका में एक जगह से विकसित हुए और दुनिया भर में फैले.
एक बड़ा अंतर
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा कि मानव जीनोम विविधता के दशकों के अध्ययन से एक वंश वृक्ष जैसा प्रतिमान प्रचलित हुआ जिसमें आज के मानव की जनसंख्या में अफ्रीका की एक ही पूर्वज जनसंख्या से विस्तार हुआ है. लेकिन यह इसका जीवाश्म और पुरात्व रिकॉर्ड से मिली जानकारी से तालमेल नहीं हो रहा था.
अफ्रीका के आज के लोगों का अध्ययन
पूरी दुनिया के अलग अलग संस्थानों के शोधकर्ताओं की टीम ने 290 जीवित लोगों के जीनोम का विश्लेषण किया और अफ्रीका में रहने वाली विभिन्न जनसंख्याओं के इतिहास की बहुत सारी अलग-अलग स्थितियों का बड़े पैमाने पर सिम्यूलेशन किया. इससे शोधकर्ता आज रहने वाले लोगों की डीएनए की विविधता के बारे में पता लगा सके.
किन लोगों का किया अध्ययन
अनुसंधान ने दर्शाया कि अफ्रीका के ही बहुल पूर्वज समूहों ने ही होमोसेपियन्स के विकास में भूमिका निभाई थी जो कि एक अनियोजित और बिखरे हुए तरीके से हुआ था. वे समय समय पर एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाते रहे और उनमें लाखों सालों तक मिश्रण होता रहा.ट टीम ने पश्चिमी अफ्रीका के सिएरा लियोन के रहने मेनडे किसानों से लेकर इथोपिया के शिकारी, भोजन जमा करने वाले गुमूज समूह, और दक्षिण अफ्रिका में रहने वाले शिकारी भोजन करने वाले नामा समूह के डीएनए का विश्लेषण किया.
सभी के समान ही पूर्वज
लंबे समय से माना जाता रहा है कि अफ्रीका में मिले 3 लाख साल पुराने जीवाश्म के अनुसार आधुनिक मानव की उत्पत्ति यहीं से हुई होगी. लेकिन इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने अफ्रीकी लोगों के जीनोम की तुलना ब्रिटेन के एक व्यक्ति से, 50 हजार साल पुराने क्रोएशिया में पाए गए निएंडरथॉल के जीवाश्म के जीनोम से और पुरातन मानव के एक अन्य नजदीकी संबंधी से की. इसी के आधार पर वे इस नतीजे पर पहुंचे कि हमारे पूर्वज दो अलग अलग जनसंख्या में से आए थे.
पाया यह गया है कि आज जीवित सभी लोगों में उनके पूर्वज के संकेत कम से कम दो अलग अलग जनसंख्याओं में थे जो लाखों साल पहले अफ्रीका में रहा करती थीं. अध्ययन में यह भी पाया गया कि इन समूह में बार बार विस्थापन की घटनाएं हुआ करती थीं जिससे इन जनसंख्याओं में भी अनुवांशिक समानता कायम रह सकी. समस्या ये है कि उस दौर का जीवाश्म रिकॉर्ड बहुत ही कम है. जिससे इसकी स्पष्ट तौर पर पुष्टि करने हमेशा से ही कठिन काम रहा.