किसान आंदोलन हर रोज जीत की तरफ बढ़ रहा है, वही केंद्र सरकार हर रोज नैतिक तौर पर हार रही है। यह कहना है सोशल एक्टिविस्ट एवं किसान आंदोलन में सक्रिय वरिष्ठ अधिवक्ता कामरेड राजेंद्र सिंह का। कामरेड सिंह ने मंगलवार को रेवाड़ी शहर के राव तुलाराम पार्क, नेहरू पार्क एवं सुभाष पार्क मैं मिले सैकड़ों नागरिकों के बीच 3 काले कृषि कानूनों के विरोध में जनसंपर्क अभियान चलाते हुए कहा कि इस आंदोलन की अभी तक 6 मुख्य उपलब्धियां हो चुकी हैं। नंबर 1 देश की जनता की समझ में यह बात आ चुकी है की सरकार केवल पूंजीपतियों की एजेंट के तौर पर काम करने वाली होती है असल लड़ाई तो अदानी अंबानी जैसे पूंजीपतियों के खिलाफ है। नंबर दो अभी तक सरकारों ने अपने वोट बैंक के लिए देश की जनता को जात पात धर्म संप्रदाय के नाम से बांटकर राजनीति की है ,इस आंदोलन ने जात पात धर्म संप्रदाय की दीवारों को एक हद तक समतल कर दिया है ।आज आंदोलन में सभी धर्मों के नागरिक एक ही लंगर में खाना खाते हुए कंधे से कंधा मिलाकर अटूट भाईचारा के साथ आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं। नंबर 3 इस आंदोलन के चलते एक और नई चेतना का विकास हुआ है की महिलाओं के बिना कोई भी आंदोलन अधूरा रहता है और अपनी परिणीति पर नहीं पहुंच सकता। इस आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी ने नए आयाम खोले हैं। नंबर 4 इस आंदोलन में एक और नए आंदोलन के बीज तैयार कर दिए हैं। समाज के विभिन्न शोषित पीड़ित तबको के लोग इस आंदोलन से प्रेरणा लेकर उठ खड़े होंगे। नंबर 5 इस आंदोलन की एक बड़ी उपलब्धि यह भी है की यह आंदोलन केवल किसानों का आंदोलन नहीं रहा बल्कि मजदूरों श्रमिकों बुद्धिजीवियों को अपने साथ समटते हुए एक जन आंदोलन बढ़ चुका है जो स्वतंत्रता के बाद अंतरराष्ट्रीय ख्याति के साथ सबसे बड़ा आंदोलन है। नंबर 6 इस आंदोलन की उपलब्धि यह है कि संसदीय राजनीति करने वाले दल किसानों के पीछे खड़े हैं और किसान आंदोलन का नेतृत्व पूर्ण रूप से किसानों के हाथ में है आंदोलन की ये उपलब्धियां ही आने वाले कल मैं काले कृषि कानूनों, संशोधित बिजली बिल को रद्द करवाने एवं एमएसपी को कानूनी दर्जा दिलवाने की मांग को हर हालत में पूरा करेंगी।