लाडली पेंशन की बहाली की जाए ,बुजुर्ग हो रहे परेशान :डाबला

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता ओमप्रकाश डाबला ने कहा प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में 60 वर्ष की उम्र पार कर चुके लाडली पेंशन के लाभार्थियों को बुढ़ापा पेंशन और 18 वर्ष के हो चुके  मेंटली रिटायर्ड बच्चों को दिव्यांग पेंशन के लिए दोबारा आवेदन मांगे जा रहे बुजर्ग जरूरी कागजात बनवाने और जमा कराने के लिए समाज कल्याण विभाग के चक्कर काट रहे लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नही ।

डाबला ने कहा सरकार बुजुर्गों को  परेशान न करे  सॉफ्टवेयर अपडेट करके आगे की पेंशन बहाल करें। डाबला के कहा समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में लाडली पेंशन धारक  जिनकी आयु 60 वर्ष हो गई है। ऐसे में उनकी लाडली पेंशन बंद कर दी है। प्रदेश में करीब 1.5 लाख लाडली पेंशन धारक हैं। इसमें से 16 हजार ऐसे हैं जिनकी उम्र 60 वर्ष हो चुकी है। दूसरी ओर प्रदेश में लगभग 14 हजार ऐसे मेंटली रिटायर्ड बच्चे हैं जिनकी उम्र 18 वर्ष हो गई है। उनकी ओर से भी दिव्यांग पेंशन के लिए आवेदन करना जरूरी है।  कांग्रेस सरकार में वर्ष 2005-6 में प्रदेश सरकार की ओर से लाडली पेंशन शुरू की गई थी। तब 45 वर्ष आयु के पुरुष इसके लाभार्थी माने गए थे, जिनके पास केवल बेटियां थी। 

अब प्रदेश सरकार की ओर से अब बुढ़ापा पेंशन के लिए दोबारा से आयु व निवास प्रमाण पत्र, आधारकार्ड आदि जरूरी कागजात जमा कराने का निर्देश दिया गया जो परेशान करने वाला है। डाबला ने कहा प्रदेश में बहुत सी महिलाएं और पुरुष ऐसे हैं जिनके पास जन्मतिथि प्रमाणपत्र नहीं है। उनको कोई पुराना रिकार्ड भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में वे स्कूल से लेकर समाज कल्याण विभाग कार्यालय तक भटक रहे हैं।  लाडली पेंशन से कई लोगो का रोटी-दवा का प्रबंध होता है। वह भी सरकार ने बंद कर बन्द कर दिया सरकार ने बुढ़ापा पेंशन के लिए फिर से कागजात मांगें हैं। लोग परेशान हो रहे कि कहां से कागज जुटाएं। डाबला ने कहा जब सरकार के पास कागज पहले से जमा है। जिस आधार पर  लाडली पेंशन बनी थी। बुढ़ापा पेंशन भी उसी पर दी जा सकती है।  दोबारा कागज मांगने का क्या मतलब। बुजर्ग बुढ़ापे में  कहां-कहां ठोकर खाते फिरेगे इसलिए सरकार इस समस्या का तुरन्त निदान करे।

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