कोरोना संक्रमण की तेज होती रफ़्तार के बीच दिल्ली, एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने लोगों को चेताया है। डॉ. गुलेरिया ने कहा है कि हालात बेहद गंभीर हैं और अगर कोरोना से बचने के लिए ज़रूरी एहतियात नहीं बरते गए तो देश में एक बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। डॉ. गुलेरिया ने कहा, “भारत में कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान 70 हज़ार मामले आने में कई महीने लगे लेकिन इस बार हम इस लहर को तेज़ी से बढ़ते देख रहे हैं। ऐसे ही हालात दिल्ली में भी बन रहे हैं।” डॉ. गुलेरिया ने कहा कि अगर हम हालात पर अभी नियंत्रण नहीं करते हैं तो फिर बाद में हमारे लिए इसे संभालना बेहद मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल भर सकते हैं और दिल्ली में कोरोना बेड्स की मांग 200 फ़ीसदी तक बढ़ गई है। भारत में बीते 24 घंटों में संक्रमण के 81,466 नए मामले सामने आए हैं और यह पिछले छह महीने में सबसे बड़ा आंकड़ा है। बीते दिन कोरोना संक्रमण ने 72 हज़ार का आंकड़ा पार किया था। इससे साफ है कि संक्रमण बेहद तेज़ रफ़्तार के साथ फैल रहा है।
दिल्ली में बढ़ा संक्रमण
बता दें कि दिल्ली में कोरोना का संक्रमण बीते कुछ दिनों में तेज़ी से बढ़ा है। एक महीने पहले तक यहां हर दिन कोरोना के 130 से 140 मामले सामने आ रहे थे लेकिन बीते एक हफ़्ते में ही ये कई गुना बढ़ गए हैं। गुरूवार को कोरोना संक्रमण के 2,790 मामले दर्ज किए गए। भारत में इस बार दूसरे देशों में एक्टिव वायरस भी मिले हैं। डॉ. गुलेरिया ने टीओआई से इस बारे में कहा कि ब्रिटेन का वायरस बेहद तेजी से फैलता है और संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए यही जिम्मेदार है। उन्होंने मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने और हाथों को लगातार धोने पर जोर दिया। दिल्ली, एम्स के निदेशक ने कहा कि इस बार की लहर में युवा ज़्यादा चपेट में आ रहे हैं लेकिन उनमें लक्षण भी ज़्यादा नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे युवा अपने से ज़्यादा उम्र वालों में संक्रमण फैला सकते हैं।
टीकाकरण की ज़रूरत
डॉ. गुलेरिया ने टीओआई से कहा कि टीकाकरण की रफ़्तार को बढ़ाए जाने की ज़रूरत है। इसके साथ ही टेस्टिंग, ट्रैकिंग, आइसोलेशन पर जोर देने की ज़रूरत है। लॉकडाउन को लेकर उन्होंने कहा कि दोबारा इसे लगाना ठीक नहीं होगा।