गाजियाबाद गैंगरेप: ‘महिला ने आरोपियों को फंसाने के लिए रची थी साजिश’

रणघोष अपडेट. देशभर से 

गाजियाबाद पुलिस ने कुछ दिनों पहले हुए गैंगरेप के मामले को पूरी तरह झूठ करार दिया है। पुलिस को 18 अक्टूबर को इस बात की सूचना मिली थी कि गाजियाबाद के आश्रम रोड पर एक महिला सड़क पर पड़ी है। सूचना पर पुलिस उसे अस्पताल ले गई और शिकायत दर्ज की थी। इस मामले में पांच लोगों दीनू, शाहरुख, जावेद, धोला और औरंगजेब के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। लेकिन गाजियाबाद पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया है कि पड़ताल के बाद यह पता चला है कि इस मामले में जमीन का विवाद है।

क्या है मामला ?


लड़की ने शिकायत में कहा था कि जब वह गाजियाबाद में एक बर्थडे पार्टी से लौटकर दिल्ली जाने के लिए बस का इंतजार कर रही थी, तब वहां पांच लोग आए और उसे खींचकर कार में ले गए। अपने कब्जे में रखा और उसके साथ बलात्कार किया गया। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी इस मामले में ट्वीट किया था। पुलिस ने साफ कहा है कि इस मामले में पांच लोगों को फंसाने के लिए झूठी कहानी रची गयी। पुलिस ने कहा कि उस कार को भी जब्त कर लिया गया है जिसमें कथित तौर पर पीड़िता अपने दोस्तों के साथ गई थी और 2 दिन तक उनके साथ रही।पुलिस ने बताया कि आजाद नाम के एक शख्स ने गैंगरेप की खबर को प्रचारित करने के लिए कई लोगों से संपर्क किया और इसके लिए कुछ लोगों को पेटीएम से पैसे भी दिए गए। एसएसपी गाजियाबाद मुनिराज गोबू ने बताया कि आजाद ने अपने मित्र गौरव निवासी गौतम बुद्ध नगर और अफजाल निवासी गाजियाबाद के माध्यम से जमीन के विवाद का हल निकालने के लिए एक षड्यंत्र रचा और इस मामले में अभियुक्त बनाए गए लोगों के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगा दिया गया। पुलिस ने कहा कि इन लोगों ने किसी भी तरह इस जमीन पर कब्जा करने के लिए इस प्रकार की योजना बनाई। तीनों ही अभियुक्त पुलिस की हिरासत में हैं।  दिल्ली के जीटीबी अस्पताल की ओर से कहा गया है कि लड़की को आंतरिक रुप से कोई चोट नहीं लगी है। पुलिस ने कहा है कि जहां पर लड़की मिली थी वहां पर उसके मोबाइल फोन को उसके एक दोस्त ने स्विच ऑफ कर दिया था।

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