चुनाव शहर की सरकार का : एक दूसरे की जन्म कुंडली बनाने में जुटे प्रत्याशी, तैयार कर रहे एक दूसरे का चिट्‌ठा

रणघोष अपडेट.सुभाष चौधरी 

नगर निकाय चुनाव में उतरे प्रत्याशी एक दूसरे को हराने के लिए हर तरह का हथकंडा अपना रहे हैं। यहां तक की आपस में एक दूसरे के अतीत को खंगाल कर उसकी जन्म कुंडली के तोर पर मतदाताओं को सामने पेश कर रहे हैं। ऐसे हैरान करने वाली जानकारियां सामने आ रही है जिस पर आसानी से भरोसा करना आसान नहीं होगा। कैसे कोई प्रत्याशी 20 साल पहले चाय की दुकान या शराब का काम करता था आज उसकी गिनती शहर के करोड़पतियों में होती है। वह राजनीतिक दलों के साथ सामाजिक संगठन चला रहा है। एकाएक किस व्यवसाय से लक्ष्मी उस पर मेहरबां हो गईं। इस पर भी एक दूसरे के विरोधियों ने शोध करना शुरू कर दिया है। भाजपा- जेजेपी में कुछ पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता इसलिए शामिल हो गए कि वे किसी ना किसी मामले में फंस गए थे। उससे बचने के लिए उन्हें सिर पर हाथ रखने वाला नेता चाहिए था। इसलिए नए अंदाज में सामने आ रहे हैं। इसी तरह जो कई सालों से पार्षद बनते आ रहे हैं उन्हें नगर परिषद में टेंडर के नाम पर मिल रही कमीशनखोरी के तौर पर सामने की तैयारी चल रही है। नप के उन अधिकारियों एवं कर्मचारियों से संपर्क साधा जा रहा है जो इनकी दलाली का चिट्‌ठा बता सकें। साथ ही अचानक पढ़े लिखे हुए उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता को भी खंगाला जा रहा है कहीं वे घर बैठे तो डिग्री नहीं ले आए। इसी तरह भाजपा व कांग्रेस में भी अलग अलग तरीकों से कुछ लोगों ने टिकट दिलवाने का टेंडर भी ले लिया है। टिकट कैसे मिलती है इसका राज वे हीं जानते हैं। सबसे बड़ी बात नामाकंन भरते समय संपति के दिए जाने वाले ब्यौरे पर सभी की नजर रहेगी। चूंकि यह फेस टू फेस चुनाव है। इसलिए आमजन ओर एक दूसरे के विरोधी प्रत्याशियों को पता है कि शपथ पत्र में अपनी संपति एवं जानकारियों में कितनी सच्चाई है। लिहाजा वे चुनाव में इसे एक दूसरे पर हमला करने के लिए हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने में पीछे नहीं हटेंगे। अभी से अलग अलग माध्यमों से यह गतिविधियां शुरू हो गई है। जिसके बारे में पाठकों को रोज अपडेट जानकारी देते रहेंगे पूरी जिम्मेदारी एवं जवाबदेही के साथ।

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