छत्तीसगढ़ के इस गांव में कीचड़ से होता है बारातियों का स्वागत

अंबिकापुर. भारत में शादियों की अलग-अलग परम्पराएं देखने को मिलती है. अलग-अलग धर्म समुदाय में शादियों के रीति रिवाज भी भिन्न होते हैं. कोई नाच-गाने के साथ धूम-धाम से शादी मनाता है तो कोई शांति और साधारण तरीके से. आज शादी के जिस परंपरा के बारे में हम आपको बताने वाले हैं वह अपने आप मे एक अनोखे तरीके का रिवाज है. जिस देखकर आपको भी यकीन नहीं होगा.

कीचड़ में नाचकर करते हैं बारातियों का स्वागत
छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर के समीप मैनपाट में मांझी समुदाय के लोगों में विवाह के समय बारातियों का स्वागत निराले अंदाज में किया जाता है. लड़की के घर जब लड़का बारात लेकर आता है तो लड़की पक्ष के लोग बारात आने पर कीचड़ में नाचकर बारातियों का स्वागत करते हैं. इस अनोखे स्वागत के तरीके में लड़की पक्ष के लोग तब तक नाचते हैं, जब तक वे थक न जाएं और अंत मे जो जीतता है. सबसे पहले उसे ही बारातियों का स्वागत करने दिया जाता है.

जानवरों का भेष करते हैं धारण
जैसे ही बारात लड़की के द्वार पहुंचने वाली होती है, लड़की पक्ष के लोग कीचड़ में नाच शुरू कर देते हैं. बैंड बाजे बजाए जाते हैं. जानवरों की वेशभूषा भी धारण करते है. कोई बंदर बनता है तो कोई जानवरों की आवाज निकालता है. बैंड बाजे की धुन में मदमस्त होकर लोग नाचते हैं और बारातियों का स्वागत करते हैं.

इसके स्वागत के पीछे समाज के लोगों का मनना है कि यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. उनके पूर्वज इस नियम का पालन करते थे अब वर्तमान पीढ़ी भी अपनी धरोहरों को सहेज रही है. अनोखे बारात स्वागत को देखने गांव के बाकी समाज के लोग भी वधु के घर पहुंचते हैं. रिपोर्टनिखिल मित्रा(News18 India)

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