नहीं ला पाऊंगी 95%…लिख स्टूडेंट ने की आत्महत्या

– नंबरों की दौड़ में हारी जिंदगी


सुसाइड नोट में लिखा-I AM SORRY…मैं 10वीं क्लास से परेशान


रणघोष अपडेट. लालसोट दौसा से  

राजस्थान में 16 मार्च से राजस्थान बोर्ड की परीक्षा शुरू होने जा रही है। इस बीच पढ़ाई के प्रेशर में एक 10वीं क्लास की छात्रा ने सुसाइड कर लिया। छात्रा ने अपने घर में ही फंदा लगा लिया और जान दे दी। इधर, सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची।मामला दौसा जिले के लालसोट कस्बे के न्यू कॉलोनी का गुरुवार सुबह 11 बजे का है। छात्रा के पास से सुसाइड नोट भी मिला है, इसमें लिखा है कि वह 95 प्रतिशत से ज्यादा नंबर नहीं ला सकती और वह परेशान हो गई है।

दैनिक भास्कर से मिली जानकारी के अनुसार 16 दिन बाद खुशबू (15) का 10वीं बोर्ड का पहला एग्जाम था। ऐसे में वह घर पर ही रहकर पढ़ाई कर रही थी। घटना के दौरान घर में उसका छोटा भाई था, जो चौथी क्लास में पढ़ता है।खुशबू मीणा की मां गुरुवार सुबह करीब 11 बजे छोटे भाई की स्कूल फीस जमा करवाने गई हुई थी। इसी दौरान पीछे से खुशबू ने यह कदम उठा लिया। जब मां घर पर लौटी तो बेटी को फांसी के फंदे पर लटका देख उसके होश उड़ गए। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जानकारी जुटाई।

16 मार्च से होनी है परीक्षा

खुशबू की 16 मार्च से एग्जाम शुरू होने थे। शिक्षकों की माने तो वह पढ़ने लिखने में काफी इंटेलिजेंट थी और ऐसा कोई कारण नहीं था कि उसे पढ़ाई का तनाव हो।खुशबू के सुसाइड के बाद जैसे ही उसके परिजनों को पता लगा तो परिजन भी लालसोट पहुंचे। खुशबू मीणा के पिता बसराम मीणा जालोर जिले के एक स्कूल में सरकारी टीचर के पद पर कार्यरत हैं। बेटी की सुसाइड की खबर सुनकर पिता बसराम मीणा भी लालसोट पहुंचे। खुशबू ने सुसाइड नोट में पढ़ाई के प्रेशर को खुदकुशी करने का कारण बताया।

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खुशबू ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि-

‘हमने कभी नंबरों के लिए दबाव नहीं बनाया’

बेटी के इस कदम के बाद पूरा परिवार सकते में है। वे यह कल्पना तक नहीं कर पा रहे हैं कि दसवीं में पढ़ने वाली उनकी बेटी ऐसा भी कदम उठा सकती है।

माता- पिता दोनों का ही रो रो कर बुरा हाल हो रहा है और चार साल का छोटा भाई बार-बार अपनी बहन के बारे में पूछता है।बिलखते हुए मां ने बताया कि हमने कभी बेटी पर पढ़ाई का दबाव नहीं बनाया। हम उससे यही कहते थे कि नंबरों से कुछ नहीं होता, लेकिन वह खुद हमेशा आगे रहने और पढ़ाई में अव्वल रहने की बात कहती थी। उसने क्यों यह कदम उठाया, समझ में नहीं आ रहा।खुशबू के स्कूल के प्रिंसिपल विश्राम गुर्जर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि छात्रा खुशबू पढ़ाई में कमजोर थी। वो इंटेलिजेंट थी, लेकिन उसको आत्मविश्वास नहीं था कि उसके अंक 95 प्रतिशत से अधिक आएंगे या नहीं। 16 फरवरी को ही स्कूल से सभी बच्चों को रिलीव कर दिया गया था, ताकि आराम से वो सेल्फ स्टडी कर सकें। आज बुरा समाचार सुनकर काफी दुख हुआ। थानाधिकारी नाथू लाल मीणा ने बताया कि सुसाइड नोट से ऐसा लग रहा है कि उस पर पढ़ाई का प्रेशर था। सुसाइड नोट को जब्त कर जांच शुरू कर दी है।

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