भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड कप मैच के रोमांचक होने की पूरी उम्मीद थी और हुआ भी ठीक ऐसा ही. टॉस भले ही ऑस्ट्रेलिया ने जीता लेकिन मैच टीम इंडिया की झोली में आया. भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 199 रन पर ऑल आउट कर जीत की नींव तो रख दी थी लेकिन जीत के लिए टीम इंडिया को पूरा जोर लगाना पड़ा. महज 2 रन पर ही 3 विकेट गिर गए थे. पहली बार वनडे में ऐसा हुआ कि भारत के टॉप-4 में से तीन बैटर्स खाता तक नहीं खोल पाए. वो तो केएल राहुल और विराट कोहली टिक गए और चौथे विकेट के लिए 150 से अधिक रन की साझेदारी कर भारत को जीत दिला दी.
टीम इंडिया ने इस मैच में महेंद्र सिंह धोनी की रणनीति का इस्तेमाल कर ऑस्ट्रेलिय़ा का शिकार किया. विकेट देखने के बाद रोहित शर्मा ने इस मैच में 3 स्पिनर के साथ उतरने का फैसला लिया और टीम इंडिया का ये दांव काम कर रहा. धोनी भी आईपीएल में जब चेन्नई में मैच खेलते हैं तो इसी रणनीति का इस्तेमाल करते हैं और अधिकतर मुकाबलों में 2 से अधिक स्पिन गेंदबाजों के साथ उतरते हैं. रोहित भी धोनी के नक्शेकदम पर चले और ऑस्ट्रेलिया को सस्ते में समेटने में सफलता हासिल की.
मैच से पहले ही रवींद्र जडेजा को विकेट देखकर ये एहसास हो गया था कि पारंपरागत चेपॉक विकेट था, जिस पर वो गेंदबाजी करे के आदी हैं. जहां गेंद इतनी तेजी से स्पिन होती है कि बल्लेबाज के पास पिच के पेस से तालमेल बैठाने का मौका ही नहीं होता है. इसलिए जडेजा बार-बार कप्तान रोहित शर्मा को इशारा कर गेंद मांग कर रहे थे क्योंकि उन्हें पता था कि इस ट्रैक पर कैसे गेंदबाजी करनी है.
आईपीएल का अनुभव जडेजा के काम आया
ऐसा इसलिए क्योंकि साल में 2 महीने, जब आईपीएल होता है, तो एमएस धोनी ने चेपॉक यानी घऱ में होने वाले मुकाबलों के लिए खास रणनीती तैयार की होती, जिसे चेन्नई सुपर किंग्स अपनाती है. दरअसल, सीएसके आईपीएल के घऱेलू मैच के लिए ऐसी पिचें तैयार करवाती है, जिस पर उसके तीन स्पिन गेंदबाज खेल सकें. खासकर वैसे गेंदबाज जो सीधे विकेट टू विकेट गेंदबाजी करते हैं और जडेजा उनमें से एक हैं. इसी वजह से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में अश्विन और कुलदीप से ज्यादा सफल जडेजा रहे.
जडेजा-कुलदीप-अश्विन ने मिलकर 6 विकेट झटके
जडेजा-कुलदीप-अश्विन की स्पिन तिकड़ी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में कुल मिलाकर 30 ओवर गेंदबाजी की और 104 रन देकर 6 विकेट झटके. इसमें से अकेले 3 विकेट जडेजा के खाते में आए और वो बाकी दोनों गेंदबाजी से किफायती भी रहे. जडेजा ने अपने कोटे के 10 ओवर में 28 रन देकर 3 शिकार किए. इसमें स्टीव स्मिथ का अहम विकेट भी शामिल है. क्योंकि यही विकेट टर्निंग पॉइंट साबित हुआ. स्मिथ 110 रन के स्कोर पर आउट हुए. ये ऑस्ट्रेलिया का दूसरा विकेट था लेकिन इसके बाद ऑस्ट्रेलिया की पारी लड़खड़ा गई और 140 रन के स्कोर पर उसके 7 विकेट गिर गए थे.
सीएसके के लिए खेलता हूं इसलिए कंडीशंस पता थीं: जडेजा
रवींद्र जडेजा ने मैच के बाद अपनी गेंदबाजी को लेकर कहा, ”मैं सीएसके के लिए खेलता हूं इसलिए मैं यहां की परिस्थितियों को जानता हूं. जब मैंने पिच देखी तो मैंने सोचा कि मुझे 2-3 विकेट मिलने चाहिए, सौभाग्य से मुझे 3 विकेट मिले और मैं बहुत खुश हूं. मैं स्टंप्स में गेंदबाजी करना चाह रहा था और विकेट में टर्न था. आप नहीं जानते कि कौन सी गेंद सीधी जाएगी या कौन ही टर्न होगी. इसलिए मैं पेस में भी लगातार परिवर्तन कर रहा था.
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