तेजी से बदल रही रेवाड़ी की राजनीति

 रेवाड़ी में कप्तान को बड़ा झटका, मजबूत पार्षद राव इंद्रजीत सिंह साथ खड़े नजर आए


रणघोष अपडेट. रेवाड़ी


वर्तमान में दक्षिण हरियाणा से कांग्रेस के सबसे बड़े नेता के तौर पर अपनी जगह बना चुके पूर्व मंत्री कप्तान अजय सिंह एवं उनके बेटे रेवाड़ी से विधायक चिंरजीव राव की राजनीति जमीन को केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कुछ खिसका दिया है। कप्तान के तीन मजबूत नगर पार्षद एडवोकेट प्रवीण चौधरी, दिलीप माटा एवं सुरेश शर्मा सोमवार को सजन पहलवान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में  राव के माल्यार्पण कार्यक्रम में सबसे आगे नजर आए। यह कप्तान के लिए रेवाड़ी शहर में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सबसे बड़ा झटका है। राव इंद्रजीत सिंह का अंदाज जिस तरह से बदल रहा है और वे  सीधे तौर पर समाज के अलग अलग वर्ग से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं उससे साफ जाहिर होता है कि राव इंद्रजीत अपनी 45 साल पुरानी विरासत को अपने वजूद से ही मजबूत करना चाहते हैं। बेशक वे भाजपा नेता एवं केंद्र में मंत्री है लेकिन बदल रहे अंदाज एवं तौर तरीकों ने साफ संकेत दे दिया है कि राव भाजपा में जितना भविष्य देखना था वह देख चुके। अब उन्हें अपनी बेटी आरती राव के राजनीति आधार को मजबूत करना है। कप्तान की राजनीति राव इंद्रजीत सिंह के खिलाफत में आगे बढ़ती और इधर होती रही है। एक समय में जब दोनों कांग्रेस में थे तब भी कप्तान राव के खिलाफ मोर्चा खोलकर रखते थे हालांकि राव अपनी खामोशी से कप्तान के कद को वहीं रोक देते थे। इसलिए कप्तान अपने अथक प्रयासों के बावजूद राव के लिए मजबूत चुनौती नहीं बन पाए हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में चिरंजीव राव जिस तरीके से महज 1352 वोटों से जीते वह प्रबल भाग्य में किसी चमत्कार से कम नहीं था। राव ने अपने समर्थक सुनील यादव मुसेपुर पर बड़ा दांव खेल दिया था जो अलग अलग कारणों से जीत में तब्दील नहीं हो पाए  लेकिन राव ने जिस तरह रेवाड़ी सीट जीतने के लिए पूरी जी जान लगा दी वह उनके राजनीति जीवन की सबसे  बड़ी चुनौतियों में एक थी। सुनील मुसेपुर को इस चुनाव में 42183 वोट मिले थे जिसमें भाजपा से ज्यादा राव के असरदार वोट ज्यादा थे।  राव इस सीट पर आरती राव को लड़ाना चाहते थे लेकिन परिवारवाद की राजनीति में भाजपा के फार्मूले ने उनकी मंशा को खत्म कर दिया था। इसके बदले राव को ही भाजपा ने यह अधिकार दे दिया था कि वह किसी कार्यकर्ता का नाम फाइनल कर दें उसे टिकट मिल जाएगी। सुनील मुसेपुर टिकट मिलने पर जितने भाग्यशाली नजर आए चुनाव में अंदरखाने उनकी घर से लेकर इधर उधर की जबरस्त खिलाफत ने उनके भाग्य को वापस वहीं लौटा दिया जहां से वह चला था। कुल मिलाकर राव की सक्रियता का सबसे बड़ा नुकसान कप्तान को हुआ है। जैसे जैसे राव सीधे लोगों से मिलेंगे उसका नुकसान कप्तान को इसलिए होगा क्योंकि हरियाणा की कमान पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुडडा के पास है। हुडडा कप्तान को उतना ही महत्व देते हैं जितनी उन्हें जरूरत होती है। कप्तान जमीनी स्तर पर राव से ज्यादा पसीना बहाते हैं इसलिए उन्हे इतनी जल्दी कमजोर कर दिया जाएगा यह समझना भी जल्दबाजी होगा।

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