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कांग्रेसी विधायक चिंरजीव राव के विज्ञापन में प्रदेश पार्टी मुखिया उदयभान समेत चारों कार्यकारी अध्यक्ष गायब


रणघोष अपडेट. रेवाड़ी

अपने ही घर में बिखरी हुई कांग्रेस का झगड़ा अलग अलग चेहरों में सामने आ रहा है। अपने जन्मदिन का हवाला देकर रायपुर रिसोर्ट में नहीं पहुंचे रेवाड़ी के कांग्रेस विधायक चिरंजीव राव के शनिवार को प्रकाशित विज्ञापन ने भी एक सवाल खड़े कर दिए हैं। इस विज्ञापन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान एवं अन्य चार प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष की फोटो गायब है। इससे उलट पूर्व प्रदेश प्रभारी रही कुमारी शैलजा को जगह मिली है। यहां बता दें कि चार रोज पहले पूर्व मंत्री कप्तान अजय सिंह यादव ने कुमारी शैलजा को राज्य सभा में भेजने की पुरजोर वकालत की थी। शैलजा का पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडडा से छत्तीस का आंकड़ा हैं। कप्तान व हुडडा के बीच भी राजनीति संबंधों में वह मिठास नहीं आई है जो सार्वजिनक मंचों पर दिखावे के तौर पर दावा किया जाता रहा है।

यह विज्ञापन दैनिक भास्कर के रेवाड़ी लोकल पुलआउट में शनिवार को प्रकाशित हुआ है जिसे खुद कांग्रेसी विधायक चिरंजीव राव ने जारी किया हुआ है। इससे एक दिन कप्तान समर्थकों ने भी चिरंजीव राव के जन्मदिन पर कुछ अखबारों में  दिए गए विज्ञापनों में वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष एवं चारों कार्यकारी अध्यक्षों को कोई तवज्जो नहीं दी। यहां बता दें कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल ने सख्त तौर पर हिदायत जारी की थी कि प्रचार प्रसार की सामग्री में प्रदेश अध्यक्ष एवं चारों कार्यकारी अध्यक्ष की फोटो लगाना अनिवार्य है। यहां सवाल उठता है कि विज्ञापन में जानबूझकर पूर्व सीएम हुडडा समर्थित प्रदेश अध्यक्ष उदयभान की अनदेखी हुई है या किसी की भूलवश की वजह से ऐसा हुआ है। हालांकि आमतौर पर नेता सवाल खड़े होने पर संबंधित अखबार को ही जिम्मेदार मान लेते हैं।

12 मई को रेवाड़ी स्टेशन पर आए राहुल गांधी के स्वागत में भी यही रैवया था

ऐसा नहीं है कि पूर्व मंत्री कप्तान अजय सिंह यादव व विधायक चिरंजीव राव की तरफ से या उनके कार्यकर्ताओं द्वारा अखबारी विज्ञापनों में ही  हुडडा समर्थित प्रदेश अध्यक्ष एवं चारों अध्यक्षों की पहली बार अनदेखी हो रही है। जब से प्रदेश संगठन में यह बदलाव हुआ है। कप्तान समर्थकों की तरफ से यह लगातार संदेश दिया जा रहा है कि वे इस बदलाव को नहीं मानते हैं। 12 मई को दिल्ली से उदयपुर जाते समय रेवाड़ी रेलवे स्टेशन जंक्शन पर राहुल गांधी का सम्मान करने पहुंचे विधायक चिरंजीव राव के समर्थकों में नजर आ रहे बैनर से भी प्रदेश अध्यक्ष उदयभान व चारों कार्यकारी अध्यक्ष के फोटो गायब थे।

प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल ने पत्र जारी कहा था ऐसी हरकतें करना बंद करें

12 मई को ही प्रदेश कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल को मजबूरी में पत्र जारी करना पड़ा। जिसमें उन्होंने स्पष्ट तौर से लिखा कि प्रदेश में कोई भी होर्डिंग, फ्लैग्स, विज्ञापन व पोस्टर में सम्मानित सोनिया गांधी, राहुल गांधी के अलावा प्रदेश अध्यक्ष, नेता कांग्रेस विधायक दल एवं क्षेत्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का फोटो होना अनिवार्य है। सभी से अनुरोध है कि वे इस निर्देश का सख्ती से पालन करें।

कप्तान- हुडडा के संबंध मजबूरी में बेहतर दिखते हैं

भाजपा सरकार बनने से पूर्व प्रदेश में 10 साल कांग्रेस राज में भूपेंद्र सिंह हुडडा व कप्तान अजय सिंह यादव के बीच जबरदस्त खींचातान रही है। एक समय ऐसा भी आया जब कप्तान ने  बिजली मंत्री रहते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 2019 के विधानसभा चुनाव में चिरंजीव राव के समर्थन में चुनाव प्रचार को लेकर हुडडा की तरफ से  संस्पेंस बना हुआ था। रेवाड़ी विधानसभा सीट में 25 से ज्यादा गांव जाट बाहुल्य है। ऐसे में हुडडा परिवार के बेहद करीबी कोसली से कुछ समर्थकों ने संकट मोचक की भूमिका निभाते हुए दीपेंद्र हुडडा को रेवाड़ी विधानसभा सीट पर चिरंजीव राव के समर्थन में प्रचार करने के लिए तैयार कर लिया था। जिसका फायदा भी चिंरजीव राव को काफी मिला था। यहां बता दें कि चिरंजीव राव बेहद कड़े मुकाबले में महज 1352 वोटों से जीत दर्ज कर पाए थे। उसके बाद से आज तक हुडडा एवं कप्तान के बीच संबंध सामान्य ही रहे हैं बेहतर नहीं।  उधर पार्टी में कप्तान विरोधी खेमा को हुडडा परिवार का पूरा आशीर्वाद मिला हुआ है। हर छोटे बड़े आयोजन में हुडा परिवार उनके यहां  शिरकत करता आ रहा है।

हरियाणा में हुडडा का मतलब ही कांग्रेस

कांग्रेस हाईकमान भी मान चुकी है कि हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडडा ही पार्टी को मजबूत कर सकते हैं इसलिए उन्होंने हुडडा को अधिकार के तौर पर हर लिहाज से छूट दे दी गई है। जिस तरह भूपेंद्र सिंह हुडडा एवं दीपेंद्र हुडडा कांग्रेस की राष्ट्रीय एवं प्रदेश राजनीति में सक्रिय तौर पर नजर आ रहे हैं उस हिसाब से उनके विरोधियों में बैचेन साफ दिख रही है। दिग्गज नेता कुलदीप बिेश्नोई, किरण चौधरी की नाराजगी जग जाहिर है।

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