रणघोष अपडेट. देशभर से
सीबीएसई और अन्य राज्यों की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं व विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं को लेकर चल रही हाईलेवल मीटिंग समाप्त हो गई है। मीटिंग में भाग लेने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मीडिया से मुखातिब हुए और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से आयोजित इस मीटिंग की अहम बातें बताईं।
जानें हाई-लेवल मीटिंग की खास बातें-
1- सिसोदिया ने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्यों के सामनने दो प्रस्ताव रखा जिसमें पहला था कि कुछ चुने हुए 19-20 प्रमुख विषयों की ही परीक्षाएं कराई जाएं और उन्हीं के आधार पर बाकी विषयों का मूल्यांकन किया जाए।
2- दूसरा प्रस्ताव था कि 12वीं की परीक्षाएं छात्रों के स्कूल में ही हो, तीन घंटे की बजाए परीक्षाएं 1.5 घंटे की हों। साथ ही स्कूल में ही कॉपियां चेक की जाएं। इसमें ऑप्शन बी था कि छात्रों से यह पूछ लें कि उन्हें सभी विषयों के बजाए कौन से 4 या 3 विषयों की परीक्षाएं देनी हैं।
3- इस दिल्ली सरकार की ओर से सुझाव रखा गया कि 12वीं परीक्षाएं कराना छात्रों के लिए सुरक्षित नहीं रहेगा, ऐसे में पिछले 2-3 वर्षों के एकेडमिक रिकॉर्ड के अनुसार ही 12वीं के छात्रों का रिजल्ट तैयार कराया जाए।
4- मनीष सिसोदिया के अनुसार, दिल्ली सरकार व अन्य राज्यों ने केंद्र सरकार से मांग की परीक्षाएं कराना है तो इससे पहले छात्रों का वैक्सीनेशन भी कराया जाए।
5 – पूरे देश में 1.5 करोड़ बच्चे हैं तो 12वीं की परीक्षाओं के इंतजार में हैं। सिसोदिया ने बताया कि सभी छात्र और उनके अभिभावक परेशान हैं कि परीक्षाएं कब और हों?
6 – दिल्ली सरकार 12वीं की परीक्षाएं कराए जाने के पक्ष में नहीं है। इस बारे में केंद्र सरकार को बता दिया गया है। परीक्षाएं कराने जाने की जगह पर छात्रों के पिछले रिकॉर्ड के अनुसार उनका मूल्यांकन कियसा जाएगा।
7 – बात प्रतियोगी परीक्षाओं नीट, जेईई परीक्षाओं की बात है तो छात्रों को पहले वैक्सीन लगवाई जाए, इसके बाद ही परीक्षाएं कराना सेफ रहेगा। केंद्र सरकार 1.5 करोड़ बच्चों और 1.5 करोड़ शिक्षकों के लिए कुल 3 करोड़ के लिए वैक्सीन लेकर आए और उन्हें वैक्सीन लगवाए।
कोरोना की तीसरी लहर आए कि इससे सरकार को बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर कदम उठाए जाने की जरूरत है।