रणघोष अपडेट. विश्वभर से
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई करने की घोषणा कर दी है। न्यूज़ एजेंसी एएफ़पी ने यह खबर दी है। उधर, यूक्रेन ने अपने देश में आपातकाल घोषित कर दिया है और इस संकट के बढ़ने के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक भी इस मामले में हो रही है।पुतिन ने कहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच अब युद्ध को टाला नहीं जा सकता। उन्होंने यूक्रेन के सैन्य बलों से कहा है कि वह अपने हथियार छोड़ दें और घर चले जाएं। रूस की ओर से पूर्वी यूक्रेन के लुहान्स्क और दोनेत्स्क को आजाद देश के तौर पर मान्यता देने के बाद से ही उस पर दुनिया के तमाम देशों ने प्रतिबंध लगा दिए हैं लेकिन बावजूद इसके रूस पीछे हटने को तैयार नहीं है। इस बीच, रूस ने यह भी कहा है कि उसकी यूक्रेन पर हमला करने की कोई योजना नहीं है। पुतिन ने कहा है कि रूस अपने देश के हितों और लोगों की सुरक्षा से पीछे नहीं हटेगा और इसके लिए हम अपनी सेना को मजबूत बनाते रहेंगे।यूक्रेन ने कहा था कि उनके देश की पहली योजना इस संकट को कूटनीतिक ढंग से हल करने की है। जबकि दूसरी योजना के तहत उनका देश अपनी जमीन के हर इंच, हर शहर और हर गांव के लिए लड़ाई लड़ेगा। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस पर शांति वार्ता को तोड़ने का आरोप लगाया और कहा था कि यूक्रेन शांति का पक्षधर है। उन्होंने कहा था कि यूक्रेन अपनी जमीन नहीं छोड़ेगा। पूर्वी यूक्रेन के लुहान्स्क और दोनेत्स्क इलाकों में रहने वाले लोग रूस के समर्थक हैं। इन्हें यूक्रेन में अलगाववादी भी कहा जाता है क्योंकि ये चाहते हैं कि यूक्रेन रूस का हिस्सा बन जाए। ये दोनों ही इलाके रूस और यूक्रेन की सीमा के बिल्कुल नजदीक हैं और 2014 में जब रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था तब से ही इन इलाकों में अलगाववादी नेताओं ने अपनी आवाज तेज कर दी थी।