पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास का हमला

 सुपर- 100 के नाम पर करोड़ो का खेल, अभी तक चुप राव इंद्रजीत सिंह को बताया डॉन


रणघोष अपडेट. रेवाड़ी

क्षेत्र के धाकड़ नेता एवं पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह पर हमला बोला। उन्होंने राव को डॉन तक कह दिया। साथ ही सेक्टर चार में सैनिक स्कूल के भवन को एक एनजीओ को दिए जाने को एक बड़ा खेल बताते हुए मुख्यमंत्री मनोहरलाल से इस मामले की निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की है।

कापड़ीवास ने हैरानी जताई कि इतने बड़े भवन को सुपर-100 प्रोजेक्ट के नाम पर चोरी छिपे एक एनजीओ को देना यह साबित करता है कि चंडीगढ़ से चल रहा सिस्टम भरोसे लायक नहीं रहा। विकल्प नाम के इस एनजीओ के बारे में हमने जो जानकारी जुटाई है वह हैरान करने वाली है। इस  एनजीओ को एक परिवार के सदस्य ही पूरी तरह से संचालित कर रहे हैं। सरकार ने कई करोड़ों का बजट इस प्रोजेक्ट पर पास किया हुआ है। कायदे से इस संस्था का कार्य बच्चों को आईआईटी एवं नीट की अलग से तैयारी कराना था लेकिन इसके सदस्य तो राशन से लेकर बच्चों पर होने वाले खर्च का बजट अपने हाथ में लेकर अपने हिसाब से खर्च कर रहे हैं। एनजीओ को संचालित करते इस परिवार का कोई सदस्य प्राचार्य बना हुआ  है तो कोई लेखाकार, कोई डायरेक्टर तो कोई प्रबंधक। सरकार के करोड़ों के बजट को घर का बही खाता बना रखा है। कुछ दिन पहले जब राज्य के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने इस भवन का उदघाटन किया तो उस उदघाटन पट्‌ट पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, राज्य के कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारीलाल एवं विधायक लक्ष्मण यादव का नाम भी उल्लेखित था। हैरानी  की बात यह है कि एक एनजीओ ने चंडीगढ़ में कुछ सीनियर्स अधिकारियों के साथ मिलकर इतना बड़ा खेल कर दिया और हमारे जनप्रतिनिधियों को भनक तक नहीं लगी। राव इंद्रजीत सिंह को बस अपनी बेटी  की राजनीति के अलावा कोई चिंता नहीं है। शहर में सरकारी जमीन पर कब्जा हो रहा है। उन्हें कोई लेना देना नहीं है। वे एक डॉन की तरह अपनी राजनीति को चलाते हैं। कापड़ीवास ने कहा कि 19 अप्रैल को यह भवन एनजीओ को दे दिया था और इस पर करोड़ों रुपए का काम तेजी से चल रहा है। समझ में यह नहीं आ रहा कि शिक्षा विभाग इस संस्था पर इतना मेहरबान क्यों हैं। हमने अपने राजनीति जीवन में पहली बार देखा है कि सरकार के बजट को एक प्राइवेट संस्था अपना बहीखाता समझकर खर्च कर रही है। हम चुप नहीं रहेंगे। हमारी सरकार से अपील है कि वह सबसे पहले इस भवन को एनजीओ से खाली कराकर सरकारी कॉलेज को शिफ्ट करें। उसके बाद इस संस्था का अभी तक का शैक्षणिक रिकार्ड जांच कर उसे सार्वजनिक करें कि करोड़ों खर्च करने  के बाद भी रजल्ट  क्या रहा। 

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