इंजीनियर तेजपाल यादव के नेतृत्व में लोगों ने फ़िर किया आर-पार की लड़ाई का ऐलान, 12 अप्रैल को होगा भारी विरोध प्रदर्शन
रणघोष अपडेट. नांगल चौधरी से
फसल कटाई के दौरान खेतों में जमी स्टोन क्रेशरों की उड़ती धूल व खराब होते स्वास्थ्य से परेशान ग्रामीणों का गुस्सा रविवार को फूट पड़ा, जिससे रविवार सुबह पर्यावरण प्रदूषण व स्टोन क्रेशरों के विरोध में इंजीनियर तेजपाल यादव के नेतृत्व में धोलेडा व बिगोपुर में सामाजिक महापंचायतों का आयोजन किया गया, इन दोनों महापंचायतों में इंजीनियर तेजपाल यादव जिला प्रशासन व हरियाणा सरकार पर जमकर बरसे। इंजीनियर तेजपाल यादव ने 3 दिसंबर 2020 को एनजीटी के मुख्य खंडपीठ द्वारा दिये गये महेंद्रगढ़ ज़िले के 72 स्टोन क्रेशरों के तुरन्त बंद करने के आदेश क़ो 4 महीने का समय बीत जाने के बाबजूद अभी तक कोई भी जमीनी कार्रवाई न होने पर बहुत ज्यादा चिंता जाहिर की और उन्होंने आगे कहा कि अब हमें एक बड़ा जन आंदोलन करना होगा और जिला प्रशासन व हरियाणा सरकार को संदेश देना होगा कि लोकतंत्र के सजग प्रहरी के तौर पर इलाके के लोग आज भी अपने हक व अधिकार के लिए खड़े हैं और हजारों की तादाद में लोग अपने जीने के अधिकार क़ो लेकर सड़कों पर उतरेंगे, जिसमे मुख्य तौर पर महिलाओं की भागीदारी भी अच्छी खासी तादाद में होगी। स्टोन क्रेशरों की उड़ती धूल की वजह से हवा मे घुलते जहर के चलते लोग टीबी, दमा, अस्थमा, सिल्कॉसिस जैसी गंभीर बीमारियों से तिल–तिल कर मरने क़ो विवश हो रहें हैँ! क्रेशर प्रभावित गांवों मे छोटे–छोटे बच्चों व नौजवानों की आंखो मे खुजली व चर्म रोग अब आम बात हो गयी है! लोगों ने आगे आकर आह्वान किया कि जब हमारे बीच का एक शिक्षित नौजवान बेटा इंजीनियर तेजपाल यादव पिछले 3 वर्ष से बड़े बड़े पूंजीपतियों, माफियाओं व भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ अपनी जान की परवाह ना करते हुए इतनी लंबी लड़ाई लड़ रहा है तो हमारी भी नैतिक जिम्मेवारी बनती है कि लोकतंत्र के अंदर हम अपने हक व अधिकारों के तहत नारनौल की सड़कों को भर कर अपना जबरदस्त विरोध दर्ज करवाएं।
क्या है पूरा मामला
24 जुलाई 2019 को एनजीटी कोर्ट ने पूरे महेंद्रगढ़ ज़िले के 72 स्टोन क्रेशरों को तत्काल बंद करने के आदेश दिए थे, हालांकि उसके बाद हरियाणा सरकार व यहां के प्रशासन के अधिकारियों ने मिलीभगत करके इस आदेश को लागू नहीं होने दिया, जिसके चलते स्टोन क्रशर संचालकों को सुप्रीम कोर्ट जाने का अवसर मिल गया, दुर्भाग्यवश पूरे देश में फैली वैश्विक महामारी कोरोना के संकट के चलते साल भर न्यायपालिका का कार्य ठप रहने की वजह से सुप्रीम कोर्ट में भी थोड़ा समय लग गया, लेकिन मात्र 15 महीने के अंदर सुप्रीम कोर्ट नें इंजी. तेजपाल यादव की तरफ से प्रसिद्ध वकील प्रशान्त भूषण की मजबूत पैरवी की वजह से 2 नवंबर 2020 को इस मामले को वापिस एनजीटी मे ट्रांसफर कर दिया औऱ स्टोन क्रेशर संचालकों व पूंजीपतियों का सुप्रीम कोर्ट में ही कई साल तक इस मामले क़ो लंबा लटकाये रखनें के मंसूबों पर पानी फेर दिया गया। उसके बाद 3 दिसंबर 2020 को एनजीटी की मुख्य खंडपीठ ने 24 जुलाई 2019 के अपने पुराने फैसले पर मुहर लगाते हुए महेंद्रगढ़ जिले के 72 स्टोन क्रेशरों क़ो तुरंत बंद करने का आदेश दिया, साथ ही उन्होंने महेंद्रगढ़ जिले व प्रदेश के तमाम संबंधित भ्रष्ट अधिकारियों पर चीफ सेक्रेट्री क़ो कार्रवाई करने, महेंद्रगढ़ जिले के क्रेशर प्रभावित गांवों में स्वास्थ्य जांच करने व पूरे महेंद्रगढ़ जिलें में 72 स्टोन क्रशर के अलावा अन्य स्टोन क्रेशरों की तमाम पर्यावरणीय पहलुओं पर जांच करने के आदेश दिए थे। पर्यावरण प्रदूषण व स्टोन क्रेशरों के विरोध में क्षेत्र के लोग दोनों हाथ उठाकर इंजीनियर तेजपाल यादव के नेतृत्व में नारनौल की सड़कों पर उतरने के लिए लालायित नजर आए और लोगों नें आगे आकर कहा कि आने वाली 12 अप्रैल को हम सभी सड़कों पर उतर कर अपना भारी विरोध प्रदर्शन करते हुए जिला प्रशासन व हरियाणा सरकार को चेताने का काम करेंगे। इस मौके पर क्षेत्र के बुद्धिजीवी, शिक्षाविद, सरपंच, पंच, पूर्व पंच व पूर्व सरपंच सहित काफी गणमान्य लोग उपस्थित थे जिनमें सैकड़ों की तादाद में युवा व बुजुर्ग भी शामिल थे