भाजपा के लिए इतना अहम बन गया दक्षिण भारत?

रणघोष  अपडेट. देशभर से 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण भारत के तीन राज्यों तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु का दौरे पर है। पीएम मोदी के इन दौरे से साफ है कि भाजपा दक्षिण भारत में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने और अधिक से अधिक सीटें जीतने के लिए जमकर मेहनत कर रही है। पीएम मोदी हाल के दिनों में लगातार दक्षिण भारत के राज्यों का दौरा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री 19 मार्च तक के अपने दक्षिण भारत के दौरे पर हैं। 

माना जा रहा है कि वह भाजपा का वोट बैंक बढ़ाने और दक्षिण भारत में कमल खिलाने के मिशन पर हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा दक्षिण भारत के राज्यों को अपने लिए बेहद अहम मान कर चल रही है। इसका कारण है कि ,यहां जीत होने के बाद ही उसका एनडीए के लिए 400 सीट जीतने का लक्ष्य पूरा हो सकेगा। दक्षिण भारत के 5 राज्यों केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में लोकसभा की 129 सीटें हैं। ये ऐसी सीटें हैं जहां भाजपा की स्थिति देश में सबसे खराब है। ये ही वे सीटें हैं जहां कांग्रेस या उसके सहयोगी दल काफी मजबूत स्थिति में हैं। ऐसे में पीएम मोदी और भाजपा के लिए ये सीटें इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं क्योंकि अगर उन्हें विपक्ष को पूरी तरह से परास्त करना है तो दक्षिण भारत में बड़ी जीत दर्ज करनी होगी। दक्षिण के दो राज्य कर्नाटक और तेलंगाना कांग्रेस की सबसे बड़ी ताकत इन दिनों हैं। 

राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि पीएम मोदी और भाजपा इन दिनों बार-बार कह रहे हैं कि इस बार एनडीए को 400 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। यह तभी संभव है जब भाजपा को दक्षिण भारत में प्रचंड जीत मिले। भाजपा उत्तर भारत में खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में अपना बेस्ट प्रदर्शन पिछले लोकसभा चुनाव में दे चुकी है। अब यहां उसे पिछली बार से ज्यादा सीट मिलने की उम्मीद कम ही है। उत्तर भारत के राज्यों से भाजपा को उम्मीद है कि यहां से तो उसे सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें मिल ही जायेंगी लेकिन पिछली बार से ज्यादा सीट जीत कर इतिहास तभी बनाया जा सकता है जब दक्षिण भारत से भी प्रचंड जीत मिले। यही कारण है कि पीएम मोदी लगातार दक्षिण भारत में रैलियां कर रहे हैं, रोड शो कर रहे हैं। भाजपा ने अपनी पूरी ताकत इस बार दक्षिण भारत में झोंक दी है। भाजपा को इस बार उम्मीद है कि कम से कम पहले से ज्यादा सीटें तो दक्षिण भारत से मिल ही जायेंगी। पीएम मोदी ने तमिलनाडु के कन्याकुमारी से दावा किया है कि इस बार दक्षिण में बीजेपी की लहर चलने वाली है, ऐसी लहर कि विपक्ष का घमंड टूट जाएगा। 

यह मिशन आसान बिल्कुल नहीं है

हालांकि भाजपा के लिए यह मिशन आसान बिल्कुल नहीं है। अभी स्थिति यह है कि केरल में भाजपा को वोटिंग प्रतिशत भले ही बढ़ा हो लेकिन  पिछले 3 लोकसभा चुनाव में एनडीए को एक भी सीट नहीं मिली है। तमिलनाडु में भाजपा अपनी सहयोगी पार्टी अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम या एआईएडीएमके से अलग होने के बाद अलग-थलग पड़ गई है। वहीं तेलंगाना में 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 4 सीटें जीती थीं, लेकिन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत मिलने के बाद भाजपा कमजोर दिख रही है। 

कर्नाटक में जहां उसकी सरकार रह चुकी है वहां भी कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर सरकार बना ली है। आंध्र प्रदेश में भी उसकी स्थिति कमजोर है, अब तेलगु देशम पार्टी से गठबंधन के बाद उसे उम्मीद है कि कुछ सीटें उसे यहां से मिल जायेंगी।