मप्र में पीएम आवास घोटाला, हड़कंप, पीएमओ ने मांगी रिपोर्ट

रणघोष अपडेट.  एमपी से 

धनतेरस के दिन बड़ा इवेंट करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों साढ़े चार लाख गरीबों को प्रधानमंत्री आवास दिलाने वाली मध्य प्रदेश की सरकार पीएम आवास घोटाले में ‘उलझ’ गई है। सतना में सामने आये बड़े घोटाले को लेकर पीएमओ द्वारा पूरी रिपोर्ट तलब करने की खबर से हड़कंप मचा हुआ है। तीन ‘छोटे’ लोगों पर एफआईआर करके अपनी चमड़ी बचाने की जुगतबाजी का आरोप शिवराज सरकार पर लग रहा है।बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 अक्टूबर को एक जलसे में मध्य प्रदेश के 4 लाख 51 हजार परिवारों को घर बांटे थे। सतना जिले में बड़ा जलसा हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली से ही वर्चुअली राज्य के गरीबों को उनके ‘सपनों के घरों’ में ‘प्रवेश’ करवाया था। सीएम शिवराज और उनकी काबीना के सदस्य सतना में मंच पर मौजूद रहे थे।जलसे का सीधा प्रसारण सभी 23 हजार पंचायतों में हुआ था। प्रत्येक जिला मुख्यालय पर शिवराज काबीना के सदस्य, भाजपा के सांसद-विधायक, पार्टी के नेता-कार्यकर्ता और अफसरान मौजूद रहे थे।शिवराज सरकार ने जिस सतना में जलसा किया, उसी जिले में पीएम आवास का घोटाला होने की पुष्टि हुई है। घर बनाने के लिये राशि साल 2021 में स्वीकृत की गई थी। जिले की नागौद तहसील की सबसे बड़ी पंचायत रहिकवारा में 55 घर विहीन गरीब ग्रामीणों की एक अदद छत के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.20 लाख रुपये प्रति घर के हिसाब से 66 लाख रुपये की स्वीकृत राशि ‘बिचौलियों’ द्वारा डकार जाने की सनसनीखेज जानकारी सामने आयी है।मामला सामने आने के बाद सतना से लेकर भोपाल तक हड़कंप मचा हुआ है। पता चला है कि पीएम आवास के लिये हुए जलसे के चार दिन पहले 18 अक्टूबर 2022 को जनसुनवाई में अनेक ग्रामीणों ने सतना के कलेक्टोरेट से स्वीकृति के बावजूद घर मिलने वाले हितग्राहियों की सूची में उनके नाम नहीं होने की शिकायत की थी।शिकायत पीएम आवास की योजना से जुड़ी होने और चार दिन बाद 22 अक्टूबर को होने वाले भव्य जलसे में कोई खलल नहीं पड़ने देने की कथित नीयत से प्रशासन ने जांच की दुहाई देकर आरंभ में मामले पर ‘परदा’ डाल दिया था। पीएम द्वारा धनतेरस वाले दिन राज्य के ग्रामीणों को पीएम आवास योजना के अंतर्गत बने घरों की चाबियां सौंपे जाने के बीच मीडिया द्वारा सतना पीएम आवास से जुड़ी शिकायत की खोजबीन की गई। खोजबीन के बाद पूरा घपला सामने आ गया है।

जांच का आदेश

मामला उजागर हो जाने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को जांच का एलान कर दिया है। भोपाल से हुए निर्देश के बाद सतना जिला पंचायत के सीईओ ने गांव के पूर्व सरपंच बलवेन्द्र प्रताप सिंह, पंचायत समन्वयक अधिकारी राजेश्वर कुजूर और एक रोजगार सहायक बृजकिशोर कुशवाहा के खिलाफ नागौद थाने में भारतीय दंड विधान की धारा 420, 409 और 34 में मामला दर्ज करवा दिया है।

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