महाराष्ट्र के माथे पर ठिकरा न फोड़ें, उसके बिना भी भारत में कोरोना की दूसरी लहर है भयवाह, आंकड़ों में जानें कैसे

भारत में कोरोना वायरस के कुल नए मामलों में से 56 प्रतिशत केस सिर्फ बीते हफ्ते ही दर्ज किए गए और 45 प्रतिशत मौतें सिर्फ एक राज्य महाराष्ट्र में हुईं। कोरोना महामारी की शुरुआत से अब तक महाराष्ट्र सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्य साबित हुई है लेकिन क्या महाराष्ट्र के आंकड़ों को हटा दें तो भारत में कोरोना की स्थिति सुधर जाएगी? क्या महाराष्ट्र के आंकड़ों को शामिल न करने से भारत में कोरोना के दूसरे लहर की भयावहता घट जाएगी? इन दोनों का जवाब है नहीं। बल्कि महाराष्ट्र के आंकड़ों ने भारत के दूसरे राज्यों फैल रहे कोरोना के प्रकोप को किसी की नजर में नहीं आने दिया है।

अगर देशभर के आंकड़ों में से महाराष्ट्र को बाहर कर दें तो भी स्थिति की भयावहता कम नहीं होगी। हां, भारत में कोरोना की दूसरी लहर थोड़ी देरी से जरूर आती। दूसरी तरफ भारत के 9 ऐसे राज्य हैं जो तेजी से कोरोना के हॉट-स्पॉट बनते जा रहे हैं।

…तो 12 दिन देर से आती कोरोना की दूसरी लहर

रोजाना आने वाले संक्रमण के सात दिन के औसत को देखें तो भारत में 11 फरवरी को कोरोना की पहली लहर अपनी सबसे निचली सीमा पर थी, जब इसके 10 हजार 988 नए मामले आए थे। यह वह समय था जब देश में दूसरी लहर की शुरुआत भी हो रही थी। अगर महाराष्ट्र को राष्ट्रीय के आंकड़ों से बाहर कर दें तो कोरोना की पहली लहर 11 फरवरी से बढ़कर 23 फरवरी को सबसे निचली सीमा पर होती।

…लेकिन कम नहीं होती कोरोना की भयावहता

रोज आने वाले आंकड़ों से स्पष्ट है कि महाराष्ट्र को गिने बिना भी देश के अन्य राज्यों में कोरोना के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र के बिना बीते 37 दिनों में कोरोना के सात दिन के औसतन मामलों में 288 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 23 फरवरी को सात दिन का औसत जहां 7 हजार 395 था तो वहीं यह 1 अप्रैल को बढ़कर 28 हजार 670 हो गया है। वहीं महाराष्ट्र के आंकड़ों को मिलाकर भारत के सात दिन के औसत मामलों में 493 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

महाराष्ट्र के रिकॉर्ड मामलों से छिपे देश के 9 नए हॉट-स्पॉट

बीते हफ्ते देश के 56 फीसदी नए मामले महाराष्ट्र में आए। यह वाकई एक बड़ा आंकड़ा है जिससे अन्य राज्यों के आंकड़े छिप जाते हैं। उदाहरण के लिए कर्नाटक कोरोना के हॉस्पॉट बनते राज्यों की सूची में दूसरे नंबर पर है लेकिन बीते हफ्ते देशभर में आए नए मामलों में कर्नाटक कि सिर्फ 5 फीसदी हिस्सेदारी है। तीसरे नंबर पर छत्तीसगढ़ है जहां बीते हफ्ते देशभर के 4.8 प्रतिशत नए कोविड केस आए। इसके बाद पंजाब है जहां एक हफ्ते में देशभर के 4.4 प्रतिशत नए कोरोना मामले रिपोर्ट हुए हैं।

लेकिन जब इन्हीं आंकड़ों को महाराष्ट्र के मामलों के बिना देखा जाए, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि 9 अन्य क्षेत्र ऐसे हैं जहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। इनमें कर्नाटक, छत्तीसगढ़, पंजाब, तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, केरल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। महाराष्ट्र के आंकड़ों के बिना देखें तो इन 9 राज्यों में बीते हफ्ते कोरोना के करीब 75 प्रतिशत नए मामले आए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *