मिलिए अश्विनी वैष्णव से जिन्होंने पद संभालते ही रेल मंत्रालय में किया बड़ा बदलाव, अटल के बाद अब मोदी के बने भरोसेमंद

 रणघोष अपडेट. देशभर से 

मोदी कैबिनेट के विस्तार में बुधवार को बनाए गए नए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बड़े बदलाव की घोषणा की है। हालही में बने नए रेलमंत्री ने ऐलान किया है कि मंत्रालय से जुड़े विभाग के कर्मचारी और अधिकारी अब दो शिफ्टों में काम करेंगे। रेल, संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कार्यालय से एक नोट जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि रेलमंत्री के निर्देश के मुताबिक तत्काल प्रभाव से मंत्रालय के सभी स्टाफ दो शिफ्ट में काम करेंगे। इसके तहत अब पहली शिफ्ट सुबह 7 बजे से शुरू होगी और शाम 4 बजे तक चलेगी। वहीं दूसरी शिफ्ट दोपहर बाद 3 बजे से शुरू होकर देर रात 12 बजे तक चलेगी। रेलवे बोर्ड के अधिकारी ने साफ किया कि इस आदेश के मुताबिक सिर्फ मंत्री सेल के लोग आएंगे। निजी और रेलवे स्टाफ पहले की तरह ही काम करेंगे।

कौन हैं अश्विनी वैष्णव

अश्विनी वैष्णव जिन्हें मोदी ने अब कैबिनेट में इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय, संचार मंत्रालय एवं रेल मंत्रालय का प्रभारी बनाया गया है, वह पहले भी अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव रह चुके हैं। राजस्थान के जौधपुर में पैदा हुए अश्विनी 1994 बैच के ओडिशा कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी रहे हैं। आईएएस अधिकारी के रूप में उन्होंने 15 सालों तक कई अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं। 2003 में ओडिशा में काम करने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में अश्वनि वैष्णव को उप सचिव नियुक्त किया गया। जब वाजपेयी प्रधानमंत्री पद से हटे तब उन्हें उनका सचिव बनाया गया। 2019 में उन्होंने ओडिशा से भाजपा के टिकट पर राज्यसभा का चुनाव जीतकर लोगों को अचंभित कर दिया था। उनके वहां जीतना बड़ी बात इसलिए थी क्योंकि पार्टी के पास विधायकों की संख्या इतनी कम थी कि उतने में चुनाव जीतना काफी मुश्किल था। भाजपा में होने के बाद भी उन्होंने राज्यसभा चुनाव में ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के प्रमुख नवीन पटनायक का समर्थन हासिल किया। उस वक्त बीजेडी के भीतर कई नेताओं ने आलोचना की थी। आरोप लगाए गए कि पटनायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के दबाव में वैष्णव को समर्थन दे रहे हैं। वैष्णव 28 जून, 2019 को हुए राज्यसभा चुनाव से महज छह दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे। जोधपुर में अपनी स्कूली शिक्षा और बी.टेक पूरी करने के बाद, उन्होंने आईआईटी कानपुर से एम.टेक और यूएस से एमबीए किया। इसके बाद उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने के लिए यूपीएससी की परीक्षा पास की। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के चहेते आईएएस अधिकारियों में से एक वैष्णव शुरू से ही मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद थे। यही वजह है कि दो साल पहले मोदी ने उन्हें ओडिशा से राज्यसभा भेजा और अब उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया है।

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