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पैसों को लेकर फोन पर हुई कहासुनी ने पकड़वाया बच्चा चोर गैंग, दो महिलाओं सहित 3 धरे, 2014 से चल रहा था धंधा


रणघोष अपडेट. गुरुग्राम


गुरुग्राम में एक कैब चालक की सूझबूझ से पुलिस ने बच्चा चुराकर लाखों रुपये में बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों द्वारा दिल्ली से चुराए गए दो नवजात बच्चों को भी सकुशल बरामद कर लिया है। पुलिस ने कैब चालक की शिकायत पर तीनों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।गांव नाथूपुर निवासी उमेश लोहिया ने पुलिस को बताया कि वह कैब चलाता है। शनिवार को दिल्ली के धौला कुंआ से दो महिलाएं और एक युवक उसकी कैब में सवार हुए। उनके पास 20 से 25 दिन के दो नवजात बच्चे भी थे। उन्होंने राजस्थान के अलवर जाने की बता कही। चार हजार रुपये में बात तय हुई। खेड़की दौला टोल पार करने पर एक महिला ने बच्चों के लिए दूध लेने के लिए कैब रुकवाई। इसी दौरान एक महिला के पास फोन आया और तीन-तीन लाख रुपये के लेन-देन की बात होने लगी। इस दौरान फोन पर कुछ कहासुनी भी हुई। इसके बाद महिला ने अलवर जाने से इनकार कर दिया। इस पर कैब चालक को उन पर कुछ शक हुआ और वह उन तीनों को डीएलएफ फेज-तीन स्थित थाने में लेकर पहुंच गया और पुलिस को इस घटना के बारे में बताया।

तीन लाख में बच्चों को बेचने जा रहे थे अलवर


पुलिस ने तीनों से सख्ती से पूछताछ की। इस पर उन्होंने सारी सच्चाई उगल दी। यह लोग साल 2014 से बच्चों को चोरी कर बेचने का काम कर रहे हैं। दिल्ली से बच्चों को चुराने के बाद वह अलवर में तीन-तीन लाख रुपये में बच्चों को बेचने के लिए जा रहे थे।

अस्पताल से चुराते थे बच्चे


गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान राजस्थान निवासी सुरेंद्र कौर (45), दिल्ली निवासी नेहा और अलवर निवासी हरजिंद्र सिंह (32) के रूप में हुई। उन्होंने बताया कि उनके गैंग से जुड़े हुए सदस्य बच्चों को अस्पताल से चुराने के बाद इनसे संपर्क करते और उसके बाद ऊंचे दामों पर आगे बच्चों को बेच देते थे। एसीपी प्रीतपाल सांगवान ने बताया कि ”गैंग में जितने भी सदस्य शामिल हैं, सभी की पहचान कर उनको गिरफ्तार किया जाएगा। गिरफ्तार किए गए आरोपियों को भी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।

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