रंगकर्मी साहित्यकार गोपाल वशिष्ठ को मिला अमृत कुंभ सम्मान

दिल्ली में सूफी गायक पद्मश्री हंसराज हंस ने हिंदी सेवा के लिए किया सम्मानित


रणघोष अपडेट. रेवाड़ी


शहर के वरिष्ठ रंगकर्मी, साहित्यकार, कुशल मंच संचालक, कवि, अभिनेता, निर्देशक, पत्रकार आदि रूपों में पहचाने जाने वाले गोपाल शर्र्मा वशिष्ठ को दिल्ली के अंतराष्ट्रीय कार्यक्रम में उपलब्धि प्राप्त हुई। उन्हें हिंदी में विशिष्ट योगदान एवं मंच संचालन के लिए अमृत कुंभ सम्मान से सम्मानित किया गया। दिल्ली के इंडिया इंटरनैशनल स्थित सीडी देशमुख ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में देश-विदेश के 250 से अधिक हिंदी प्रेमी एकत्र हुए थे।
हिंदी ओलंपियाड फाउंडेशन के अंतराष्ट्रीय पुरस्कार वितरण एवं अमृत कुंभ सम्मान समारोह में पद्मश्री हंसराज हंस, अतिविशिष्ट एवं परम विशिष्ट सेवा मैडल से अलंकृत लैफिनेंट जनरल डॉ. नितिन कोहली, दिल्ली के उप शिक्षा निदेशक डॉ. अशोक कुमार त्यागी, दिल्ली ओलंपिक एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संजीव शर्मा, कश्मीर के राजेश भट्ट आदि ने विभिन्न प्रांतों के हिंदी ओलंपियाड में विजेता रहे बच्चों को पुरस्कृत किया। अमृत कुंभ सम्मान के तहत रचनाकार शिक्षकों को उनकी रचनाधर्मिता के लिए सम्माति किया गया। मंच संचालन के लिए विशेष रूप से आमंत्रित गोपार्ल वासिष्र्ठ को रचनाधर्मिता के साथ-साथ हिंदी सेवा एवं मंच संचालन के लिए विशिष्ट योग्यता सम्मान दिया गया। पद्मश्री हंसराज हंस ने उन्हें सम्मानित करने के बाद मंच पर अपने साथ खड़ा किया और साधुवाद देते हुए कहा कि उनकी संबोधन शैली, शब्दों की गंभीरता, वाणी के ओज में एक आकर्षण है। जिसमें सूफी संगीत जैसी गहराई है। कार्यक्रम में संयुक्त अरब अमीरात के शारजहाँ व कतर के साथ-साथ पूर्वोतर भारत, उत्तरप्रदेश, हिमाचल, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, राजधानी दिल्ली के अतिरिक्त दक्षिण भारत से केरल व आंध्रप्रदेश के हिंदी सेवी शामिल हुए थे। फाउंडेशन के अध्यक्ष राजेश वत्स एवं निदेशिका हेमलता ने सभी अतिथियों का अभिनंदन किया।

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