रणघोष की अपील पर आशीर्वाद बनकर आ गए हाथ

बेटियां माता-पिता के साथ समाज का सम्मान होती है, दो शख्सियतों ने यह साबित कर दिया


रणघोष खास. बेटी की कलम से


बेटियां अपने माता-पिता की लज्जा होती है तो समाज का सम्मान और स्वाभिमान भी होती है। उसकी परिभाषा इस बात से तय नहीं होती कि वह किस परिवेश में जन्म लेकर बड़ी हुईं है। बेटियां उस समय खिलखिला उठती है जब समाज में ऐसा तबका आशीर्वाद बनकर उन्हें संभालने के लिए आ जाता है जिनके दरम्यान अमीरी इतराती और गरीबी बेबस नजर आती है।  

 16 फरवरी को  रेवाड़ी शहर के मुक्तिवाड़ा में एक महिला सफाई कर्मचारी की दो बेटियों की हुई शादी में खुशियों के फूलों के साथ साथ  मानवता और इंसानियत की सुगंध बिेखरी नजर आईं। नगर परिषद रेवाड़ी की सफाई कर्मचारी सरोज देवी के पति का देहांत हुए काफी समय हो गया था। सरोज पर दो बेटियों की शादी पर जिम्मा था। उसकी देवरानी सीमा भी सफाई कर्मचारी है। वह दोनों बेटियों की शादी को लेकर काफी चिंतित रहती थी। रणघोष के माध्यम से भाजपा के जिला अध्यक्ष हुकम चंद यादव एवं पंजाबी बिरादरी रेवाड़ी के प्रधान प्रेमनाथ गैरा को पता चला तो उनके हाथ बेटियों की मदद के लिए आशीर्वाद बनकर आ गए। दोनों शख्सियतों ने अपने स्तर पर खामोशी के साथ इन दोनो बेटियों की शादी में उन आवश्यकताओं को पूरा कर दिया जिसके लिए यह परिवार मानसिक और आर्थिक परेशानी से जूझ रहा था। खुशी- खुशी इन दोनों बेटियां राखी एवं सारिका की शादी हो गईं। हुकमचंद यादव एवं प्रेमनाथ गैरा की इस निस्वार्थ भावना ने समाज में एक फिर संदेश दे दिया है कि हर इंसान बेहतर है बस उसे जगाते रहिए।   

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