रणघोष की अपील : रेवाड़ी में शिक्षा के खूबसूरत चेहरे पब्लिक एजुकेशन बोर्ड पर लग ना जाए जाति का दाग

कोई जीते कोई हारे फर्क नहीं पड़ेगा बस जाति नहीं जीतनी चाहिए


रणघोष खास.  सुभाष चौधरी


रेवाड़ी शहर की चार नामी शिक्षण संस्थाएं जहां से लाखों विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर देश के अलग अलग क्षेत्रों में नाम रोशन कर रहे हैं। इन संस्थाओं का इतिहास इतना गौरवशाली रहा है जिससे जुड़कर हर कोई गर्व महसूस करता है। वर्तमान में इन संस्थाओं की गरिमा एवं पवित्रता पर ग्रहण लग गया है। हालात यह बन चुके हैं कि इन संस्थाओं में होने जा रहे चुनाव भी अब पूरी तरह बेहतर शिक्षा- बेहतर बदलाव की बजाय जाति के मॉडल पर लड़े जा रहे हैं। अगर यह मानसिकता अपने मंसूबे में कामयाब हो गई तो समझ जाइए आने वाले दिनों में ये संस्थाएं अपने बचे हुए वजूद को भी खत्म कर लेगी। इसके लिए वो लोग जिम्मेदार होंगे जो कहने को खुद को शहर के प्रतिष्ठित एवं समझदार होने का हक जताते हैं और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तोर पर चुनाव का नेतृत्व कर रहे हैं। इसलिए अभी भी समय है मतदान से पहले इस तरह की संक्रीर्ण मानिसकता, कुछ समय की चौधर ओर दिखावे के पांखड को खत्म कर एक दूसरे का सम्मान करते हुए इस चुनाव में मूल्य- संस्कार- आपसी भाईचारे को विजयी बनाए जाति को नहीं ।  

पब्लिक एजुकेशन बोर्ड (पीईबी) द्वारा संचालित 4 प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाएं केएलपी कॉलेज, आरडीएस गर्ल्स कॉलेज, सतीश पब्लिक एजुकेशन कॉलेज एवं सतीश पब्लिक स्कूल की प्रबंधन समिति के 12 पदों पर 24 उम्मीदवार मैदान में हैं। कुल 1201 सदस्यों से चुनकर आए 70 कालेजियम सदस्य अपने मतों से इन चारों संस्थाओं में  टीम का गठन करेंगे। 24 अक्टूबर को मतदान है ओर 3 अक्टूबर को सभी उम्मीदवार को चुनाव चिन्ह मिल जाएंगे। पहली बार इन संस्थाओं में चुनाव बेहतर शिक्षा की बजाय जाति के मॉडल पर लड़ा जा रहा है। इसी आधार पर उम्मीदवार आमने सामने खड़े कर दिए गए हैं। मुख्य तोर पर इन संस्थाओं में वैश्व समाज के सदस्य सबसे ज्यादा है जो अपने समाज की अलग अलग ईकाई- गौत्र से संबंध रखते हैं। अन्य जाति वर्ग की संख्या ना के बराबर है। लिहाजा वैश्व समाज की अलग अलग ईकाईयों में ही चौधर को लेकर जंग शुरू हो गई है इसमें मुख्य तौर पर अग्रवाल वैश्व एवं महावर वैश्व दो धड़ों में बंट गए हैं। पिछले कुछ दिनों से जिस मानसिकता के साथ चुनाव जीतने के लिए आपसी भाईचारे एक दूसरे सम्मान को कुचलकर रणनीतियां- कूटनीतियां बनाकर एक दूसरे के दिलो दिमाग में डाली जा रही हैं वह आने वाले समय में इन संस्थाओं को तहस नहस करने के लिए पैदा किए जा रहे किसी वायरस से कम नहीं है। ऐसा करने वालों से पूछा जाना चाहिए कि जब वे अपने बच्चों का दाखिला किसी शिक्षण संस्थानों में कराते हैं तो क्या उसे चलाने वालों की जाति पूछते हैं। क्या पढ़ाते समय गुरु की जाति को ध्यान में रखा जाता है। क्या बच्चों का दाखिला भी चुनाव लड़ने की इस मानसिकता के आधार पर ही किया जाएगा।  इलाज के समय डॉक्टर्स की, व्यवसाय में उपभोक्ताओं की, खान-पान की वस्तु बनाने वालों की क्या जाति पूछी जाती है। जीवन में ऐसा कोई कार्य जो जाति विशेष के आधार पर सर्वेश्रेष्ठ साबित हुआ हो क्या उसका कोई उदाहरण सामने आया है। अगर ऐसा नहीं हैं तो शिक्षा के मंदिर में जाति का दाग लगाने का दुस्साहस मत कीजिए। सोचिए अगर जाति के आधार पर कोई  जीत गया तो उसे क्या मिलेगा। कुछ समय के लिए प्रंशसा- बधाई…। इसके बदले वह बेहतर इंसान होने का अपना वजूद खत्म कर लेगा। अतीत में जाइए देश की आजादी के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बाबा साहेब अंबेडकर, शहीदे आजम भगत सिंह जैसे अनेक महान पुरुषों ने अपना जीवन कुर्बान कर दिया। आज इन महान पुरुषों को भी जाति एवं धर्म में बांटकर समाज में ठेकेदारों की जमात खड़ा हो गई हैं जो अपने स्वार्थ के लिए कर्म से नहीं जाति में अपना वजूद तलाश रहे है। यह सब लिखना ओर बताना इसलिए जरूरी है कि शिक्षा के मंदिर में कहीं जाति का दाग नहीं लग जाए। अगर कोई इस मानसिकता के आधार पर चुनाव लड़ रहा है वह खुद से सवाल करें क्या वह अपना शेष जीवन जाति के आधार पर जी पाएगा या कर्मशीलता पर। चुनाव में कोई जीते कोई हारे फर्क नहीं पड़ेगा बस जाति नहीं नहीं जीतनी चाहिए।         

  आइए इन चारों संस्थाओं की मौजूदा स्थिति पर नजर डाले 

पब्लिक एजुकेशन बोर्ड (पीईबी) द्वारा संचालित 4 प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाएं केएलपी कॉलेज, आरडीएस गर्ल्स कॉलेज, सतीश पब्लिक एजुकेशन कॉलेज एवं सतीश पब्लिक स्कूल में चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। 12 पदों के लिए 24 प्रत्याशी मैदान में हैं। शुक्रवार को फाइनल प्रत्याशियों की सूची जारी हो गई हैं। तीन ने नाम वापस ले लिए। 3 अक्टूबर को चुनाव चिन्ह मिल जाएंगे। इन चारों शिक्षण संस्थाओं में दो पदों पर एक ही उम्मीदवार मैदान में उतरे थे लिहाजा वे निर्विरोध चुने जाएंगे। 24 अक्टूबर को मतदान होना है। 70 कॉलेजियम सदस्य चारों संस्थाओं की प्रबंधन समिति का चुनाव करेंगे। चुनाव कराने की जिम्मेदारी रिटर्निंग ऑफिसर सेनि. कमांडर शंकर सिंह एडवोकेट एवं एआरओ सचिन मलिक एडवोकेट पर है। कॉलेजों की 21 सदस्यीय गर्वनिंग बॉडी का गठन होता है। इसमें 15 लोग मैनेजमेंट के आजीवन सदस्य होते हैं जबकि 6 सदस्यों में दो टीचिंग, एक नॉन टीचिंग, एक प्राचार्य, एक यूनिवर्सिटी एवं एक निदेशालय प्रतिनिधि शामिल होता है। कार्यकारी सदस्य सभी में 11-11 होते हैं।  

केएलपी कॉलेज चुनाव की तस्वीर एक नजर में 

किशनलाल पब्लिक कॉलेज (केएलपी) में चारों महत्पूर्ण पदों पर चुनाव होने हैं। अध्यक्ष पद के लिए आनंद स्वरूप डाटा एवं अमित गुप्ता के बीच सीधा मुकाबला है। उपाध्यक्ष के लिए राकेश गर्ग एवं संदीप खंडेलवाल आमने सामने हैं। महासचिव पद पर रजनीकांत सैनी एवं कपिल कुमार गोयल के बीच टक्कर है। इसी तरह कोषाध्यक्ष के लिए हेमंत अग्रवाल एवं हेमंत गुप्ता मैदान में हैं। 

सतीश स्कूल चुनाव की तस्वीर एक नजर में 

इस स्कूल की प्रबंधन समिति में चेयरमैन एवं प्रबंधक पद के लिए अह्म लड़ाई है। चेयरमैन के लिए सुहेल गुप्ता एवं घनश्याम दास गुप्ता व मैनेजर पद के लिए सतीश कुमार सैनी एवं मोनिका सिंहल अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। 

आरडीएस गर्ल्स कॉलेज की तस्वीर एक नजर में 

इस कॉलेज में कोषाध्यक्ष पद के लिए सूर्यकांत सैनी पहले ही निर्विरोध चुन लिए गए हैं। उनके मुकाबले कोई उम्मीदवार सामने नहीं आया। यहां अध्यक्ष पद के लिए मुकेश कुमार भटटेवाला एवं डॉ. मित्रा सक्सेना के बीच मुकाबला हैं। उपाध्यक्ष के लिए महेंद्र गोयल व विजय गुप्ता आमने सामने हैं। महासचिव पद के लिए अनिल रस्तोगी एवं प्रवीण कुमार अग्रवाल एक दूसरे को चुनौती दे रहे हैं। 

सतीश बीएड कॉलेज की तस्वीर एक नजर में 

 सतीश बीएड कॉलेज प्रबंधन समिति में प्रधान पद के लिए नंदकिेशोर गुप्ता एवं सुनील ग्रोवर मैदान में हैं। महासचिव पद के लिए अजय कुमार गुप्ता एवं सुनील भार्गव आमने सामने हैं। कोषाध्यक्ष बनने के लिए नरेश हिंडूजा एवं अनिल गुप्ता एक दूसरे को चुनौती दे रहे हैं। यहां उपाध्यक्ष के लिए प्रेम प्रकाश अग्रवाल पहले ही निर्विरोध बन गए हैं।

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