रणघोष की साफ सुथरी बात

भाजपा के खिलाफ सबसे ज्यादा आग कप्तान के सीने में, ईमानदार इसलिए उगल रहे हैं ?


–    अगर कप्तान ने इधर उधर के रास्ते से राजनीति को आगे बढ़ाया है तो भाजपा ऐसे मौके की तलाश कर रही है जो इस कांग्रेसी नेता की इस आग को शीतलपेय जल बना दे तो बड़ी बात नहीं होगी।


रणघोष खास. रेवाड़ी


इन दिनों दक्षिण हरियाणा में भाजपा के खिलाफ जितनी आग किसी विपक्षी नेता में है उसमें कांग्रेस ओबीसी विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री कप्तान अजय सिंह यादव का नाम सबसे आगे चल रहा हैं। पिछले दिनों दिल्ली में ईडी के सामने पेश हुए राहुल गांधी को लेकर राष्ट्र व्यापी प्रदर्शन में कप्तान अपने तौर तरीकों से अच्छे खासे छाए रहे। इतना ही नहीं छोटे बड़े कार्यक्रमों में भाजपा के खिलाफ जमकर भड़ास निकालने में पीछे नहीं हैं। कप्तान के इस आक्रमक तेवरों से यह साफ जाहिर होता है कि वे पूरी तरह से भाजपा की तरफ से होने वाली आशंकित कार्रवाई को लेकर मानसिक और शारीरिक तौर पर खुद को तैयार कर चुके हैं। इसमें कोई दो राय नहीं की भाजपा ज्यादा बोलने वाले अपने विपक्षी नेताओं की कुंडली जांचने के लिए ईडी, सीबीआई एवं अन्य जांच एजेंसियों को उनके घरों पर भेजती रही है। हाल ही में दिल्ली में आप नेता सतेंद्र जैन, महाराष्ट्र में शिव सेना के संजय राउत समेत अनेक नेताओं की लंबी सूची शामिल है।  नतीजा अभी तक आधे से ज्यादा विपक्षी नेता या तो चुप बैठ गए हैं। इसमें कुछ  को भाजपा की यह विचारधारा इतनी पंसद आने लगी कि वे पार्टी का भगवा पटटा गले में बांधते हुए नजर आ रहे हैं। बहुत कम ऐसे बचे हैं जो लगातार हमलों के बाद भी आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक तौर  पर मजबूती से डटे होकर भाजपा पर सीधा वार कर रहे हैं। जहां तक कप्तान की बात है वे अपनी बात को डंके की चोट पर कहने में पीछे नहीं हटते। उनकी शास बात यह है कि वे मीडिया को ऑफ दा रिकार्ड कुछ नहीं कहते। जो कुछ भी कहना होता है सीधे सपाट कह डालते हैं बाद में उसका क्या असर होंगा यह उसकी परवाह नहीं करते। इसलिए उनके विरोधी कप्तान के गुस्से को बच्चे को रूठने की तरह देखते हैं। कुल मिलाकर कप्तान इन दिनों भाजपा के खिलाफ दक्षिण हरियाणा में सबसे ज्यादा फायर नेता के तोर पर स्थापित हो चुके हैं। राजनीति जानकारों का मानना है कि अगर कप्तान का राजनीति सफर ईमानदारी के रास्ते से होकर गुजरा है तो उनकी यह आग भाजपा को समय समय पर झुलसाती रहेगी। अगर उन्होंने इधर उधर के रास्ते से राजनीति को आगे बढ़ाया है तो भाजपा ऐसे मौके की तलाश कर रही है जो कप्तान की इस आग को शीतलपेय जल बना दे तो बड़ी बात नहीं होगी। आजकल देश में राजनीति का मिजाज इसी तरह का चल रहा है।

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