रणघोष की सीधी सपाट बात : दो माह के मासूम की मौत रेवाड़ी को माफ नहीं करेगी..

रणघोष खास. सुभाष चौधरी
रविवार को हरियाणा, रेवाडी शहर के नागरिक अस्पताल में दो माह के मासूम की हुई मौत ने डॉक्टरों में मर चुके जमीर को सरेआम सडकों पर सार्वजनिक कर दिया। पीडित माता-पिता पर पोस्टमार्टम के नाम पर पुलिस ने मारपीट की। इतना ही नहीं जब यह घटना हो रही थी। उस समय बिलखती मां, स्वास्थ्य सिस्टम के खिलाफ आक्रोश में चिल्लाते पिता को एक दंपति ने सांत्वना दी तो वहां मौजूद डॉक्टर्स उससे ही मारपीट पर उतर आए। डॉक्टरों के लिए मासूम की मौत से ज्यादा उनकी हरकतों को विडियो में कैद करने वाले इस युवक की हिम्मत ज्यादा तकलीफ दे रही थी। इस पूरे घटनाक्रम को मानवता- इंसानियत की नजर से देखिए। आपको धरती का भगवान कहलाए जाने वाला डॉक्टर्स शैतान नजर आएंगे। पुलिस जिसे रक्षक कहा जाता है वह बेबस व जरूरतमंदों के साथ ज्यादती करने वाले राक्षस के चरित्र में बार बार नजर आएगी। अब सवाल उठता है क्या इस पूरे घटनाक्रम पर जिला प्रशासन और हरियाणा सरकार तुरंत कदम उठाएगी। या फिर महाभारत में द्रोपदी चीरहण के समय धृतराष्ट्र की तरह सबकुछ अनदेखा कर देगी। ऐसा पहले भी होता रहा है इसलिए इस तरह की घटनाए किसी ना किसी शक्ल में सडकों पर सभी को शर्मिंदा करती हुई बार बार नजर आती है।
डॉक्टरों का यह कहना रोज पंद्रह सौ मरीज आते हैं किस किस को देखे। इस पर सरकार के स्वास्थ्य विभाग को तुरंत एक्शन लेना चाहिए वे इस तरहकी मानसिकता रखने वाले डॉक्टरों का पहला इलाज करे ..। नहीं तो ये फिर किसी ना किसी मरीज की जिंदगी से खिलवाड कर सकते हैं। सोचिए एक गरीब परिवार नागरिक असपताल में नहीं आएगा तो कहां जाएगा। प्राइवेट अस्पताल में जाने से पहले उसे खुद को किसी के पास गिरवी रखना होगा ।
तभी वह मंहगा इलाज को सहन कर पाएगा। ranghoshnews चैनल पर जाकर विडियो को देखिए… और बताइए क्या यह आपको डॉक्टर्स के रूप में किसी की जिंदगी बचाने वाले मसीहा नजर आ रहे हैं।आखिर क्या हो गया है जिंदगी बचाने वाली इस जमात को।
क्या सोचकर सफेद कोट पहनते हो। किस बात का घमंड दिखाते की जब चाहे इलाज के नाम पर किसी की जिंदगी दांव पर लगा दो। यह बात ठीक है सभी डॉक्टर्स में आज भी कुछ मिशाल के तौर पर इस पेशे की गरिमा को बचाए हुए है लेकिन यह तादाद लगातार कम क्यों हो रही है। इस पर सभी को मिलकर सोचना होगा।इस घटना से हमने सबक नहीं लिया तो मासूम की मौत हमें दुत्कारती रहेगी और हम समाज में बेहतर इंसान बनने की गरिमा को खत्म कर देंगे।