रणघोष खास. सुभाष चौधरी
रेवाड़ी विधानसभा सीट पर पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास भाजपा में आज भी कमल की तरह खिल रहे हैं। बुधवार रात रेवाड़ी छोड़ते समय भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी का कापड़ीवास के घर आना ओर पूरे जोश के साथ एक घंटे तक बतियाना यह बताता है कि इस सीट पर इस उम्र दराज नेता की छाया की पार्टी को बेहद जरूरत है। यहां बता दे की इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहरलाल, भाजपा प्रदेश प्रभारी बिप्लब कुमार देब, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव एवं भाजपा केंद्रीय संसदीय बोर्ड की सदस्या डॉ. सुधा यादव समेत अनेक वरिष्ठ नेता कापड़ीवास को सम्मान देने में अग्रणी रहे हैं।
22 नवंबर का दिन नायब सैनी ने रेवाड़ी विधानसभा में अपने कार्यकर्ताओं के साथ बिताया। प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद यह उनका पहला दौरा था। इस पूरे आयोजन में कापड़ीवास की चर्चा इसलिए खास है क्योंकि जिला भाजपा 2019 विधानसभा चुनाव के बाद इस धाकड़ नेता को अपने कार्यक्रमों में आमंत्रित तक नहीं करती। वजह कापड़ीवास ने पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुनील मुसेपुर के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इस हिसाब से उनका 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासन किया गया जिसका कोई सबूत या रिकार्ड किसी के पास नहीं है। महज चर्चाएं ज्यादा रही। कापड़ीवास आज भी पार्टी में दमदार पोजीशन रखते हैं इसके बेहिसाब सबूत मुख्यमंत्री मनोहरलाल, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, डॉ. सुधा यादव से होती रही गर्म जोशी मुलाकातों के तौर पर सामने आते रहे हैं। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का कार्यक्रम में मंच से उठकर सामने कुर्सी पर बैठे कापड़ीवास के पास आकर माला पहनाना, डॉ. सुधा यादव का उनके घर आकर पारिवारिक सदस्या की तरह चर्चाएं करना ओर रेवाड़ी में मुख्यमंत्री मनोहरलाल को घर से बना चुरमा खिलाना, गृह मंत्री अनिल विज का बाहे फैलाकर मिलना, भाजपा प्रदेश प्रभारी बिप्लब कुमार देब से बार बार मुलाकातें यह बताती है कि हाई कमान इस वजनदार नेता के राजनीति वजन की ताकत को बखूबी समझती है। नायब सैनी ने जब सुबह रेवाड़ी में प्रवेश किया तो उनका जोरदार स्वागत कापड़ीवास के भतीजे भाजयूमो के प्रदेश कार्यकारणी सदस्य मुकेश कापड़ीवास ने किया। रात होते ही रेवाड़ी छोड़ते समय नायब सैनी ने अंतिम चाय रणधीर सिंह कापड़ीवास के साथ पी। इस पूरे घटनाक्रम से यह साबित हो रहा है कि यह नेता पार्टी से कभी अलग ही नहीं हुआ। महज अफवाहों से 4 साल गुजार दिए।
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत के सबसे बड़े विरोधी
मौजूदा राजनीति में रणधीर सिंह कापड़ीवास केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के सबसे बड़े विरोधी है। वजह 2019 के चुनाव में राव का अपने समर्थक सुनील मुसेपुर को टिकट दिलाना रहा। कापड़ीवास का आरोप था की राव ने ऐसे शख्स को टिकट दिलाई जिसका भाजपा से दूर तक कोई सरोकार नहीं था। अगर किसी समर्पित कार्यकर्ता को भी टिकट मिल जाती तो वे चुनाव नहीं लड़ते। हालात ऐसे पैदा कर दिए गए जिस कारण उन्हें मैदान में उतरना पड़ा।