रणघोष प्रेसनोट नहीं हकीकत से भी रूबरू कराता है

सबसे बड़ा सवाल: कक्षा 8 वीं बोर्ड परीक्षा को लेकर चल रहा ड्रामा कब तक चलेगा


हरियाणा बोर्ड लगातार डेट बढ़ा रहा है , प्राइवेट स्कूल अपना विरोध, क्या ऐसे होते हैं हमारे शिक्षा के निर्माता


रणघोष खास. एक विद्यार्थी की कलम से


कक्षा 8 वीं की बोर्ड परीक्षा को लेकर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी एवं सीबीएसई से संबंधित स्कूलों के बीच जंग जारी है। इस लड़ाई में ना तो बोर्ड के किसी कर्मचारी या अधिकारी के वेतनमान व अन्य सुविधाओं में कोई कटौती होगी ओर ना हीं किसी की नौकरी जाएगी। इसी तरह प्राइवेट स्कूलों की सेहत पर भी विशेष असर नहीं पड़ेगा। कीमत चुकाएंगे वे बच्चे ओर उनके अभिभावक जो दिन रात अपना पेट काटकर स्कूल एवं बोर्ड की तमाम शर्तों को पूरा करते हैं। शनिवार को बोर्ड ने एक बार फिर कक्षा 8 वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए आवदेन तिथि 10 जनवरी से बढ़ाकर 20 जनवरी कर दी। उधर सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूल हरियाणा बोर्ड के अंतर्गत परीक्षा देने के लिए किसी सूरत में तैयार नहीं है। बोर्ड एवं सीबीएसई स्कूलों की यह लड़ाई पिछले दो माह से अधिक समय से चल रही है। मीडिया के माध्यम से दोनों तरफ से तर्क पर तर्क रखे जा रहे हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि जिन बच्चों को यह परीक्षा देनी है उन्हें अभी तक नहीं मालूम की हमारी शिक्षा के ये निर्माता आपस में लड़ क्यों रहे हैं। क्या बोर्ड के अधीन आने से बच्चों का दिमाग कम ज्यादा दौड़ने लग जाएगा। सिलेबस अचानक अपना चेहरा बदलना शुरू कर देगा। प्राइवेट स्कूलों को ऐसा क्यों लग रहा है कि अगर उनके बच्चे सीबीएसई की बजाय हरियाणा बोर्ड के अंतर्गत यह परीक्षा देंगे तो उनका भविष्य दांव पर लग जाएगा। उधर बोर्ड इतनी जिद पर क्यों है कि वह पहली बार सीबीएसई स्कूलों को अपने अधीन लेकर हरियाणा में यह संदेश देना चाहता है कि शिक्षा का असली कर्णधार वहीं है। अगर बोर्ड की कार्यप्रणाली इतनी बेहतर होती तो उनके अंतर्गत मान्यता लेने वाले स्कूल हर साल सीबीएसई की तरफ नहीं भागते। खुद हरियाणा का शिक्षा विभाग अपने मॉडल एवं संस्कृति स्कूलों की मान्यता सीबीएसई से करवा रहा है। दरअसल कड़वा एवं हजम नहीं होने वाला सच यह है कि हमारी पूरी शिक्षा व्यवस्था सौदागरों के हाथों गिरवी हो चुकी है। ये अलग अलग चेहरों में आते हैं ओर बच्चों की बोली लगाकर चले जाते हैं।  हर साल नए तौर तरीकों के साथ ये सौदागर शिक्षा के बाजार में बेहतरी के नाम पर अपनी दुकानें लगातें है। मीडिया उनकी ब्राडिंग करता है। शिक्षा नीति बनाने वालों से लेकर शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारी, कर्मचारी एवं पढ़ाने वाले सरकारी शिक्षकों को अच्छी तरह पता है कि वे महज वेतनभोगी है। अगर सरकारी शिक्षा का ढांचा इतना बेहतर होता तो वे अपने बच्चों को प्राइवेट संस्थानों में नहीं भेजते। 95 प्रतिशत से ज्यादा शिक्षा अधिकारी, कर्मचारी एवं शिक्षकों के बच्चों ने सरकारी स्कूल तक नहीं देखा है। इनकी हिम्मत देखिए सबकुछ जानते हुए भी कोई जवाबदेही एवं जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं  है।  उधर प्राइवेट स्कूल यह दावा करें कि वे सेवा करते हैं तो समझ लिजिए झूठ में सच के खिलाफ लड़ने का आत्मविश्वास आ चुका है। सबकुछ व्यवसायिक दृष्टिकोण से तय होता है। इसमें जो मूल्यों से समझौता नहीं करता अपनी अलग पहचान बना लेता है। यही गलती मीडिया को चौथा स्तंभ, डॉक्टर्स को धरती का भगवान व वकीलों को न्याय का पुजारी मानने से कर जाते हैं जबकि इन पेशों में जुड़े लोगों को मूल्यों को बनाए रखने की कठिन परीक्षा से गुजरना होता है जो बाजारवाद के इस दौर में आसान नहीं है। रणघोष अपने सम्मानित पाठकों के लिए महज जारी होने वाले प्रेस नोट का जरिया नहीं है। इसलिए हमने बोर्ड की तरफ से जारी इस प्रेस नोट को अलग अलग रास्तों से गुजारा है ताकि सभी अच्छी तरह से समझ ले जागरूक पाठक सबकुछ जानता है। बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. जगबीर सिंह एवं सचिव कृष्ण कुमार ने जारी प्रेस नोट के हवाले से बताया है कि सभी सरकारी, गैर सरकारी, सीबीएसई, सीआईएससीई अन्य बोर्डों के संबंधित विद्यालय सम्बद्धता शुल्क आवेदन फार्म/डाटा ऑनलाइन बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट www.bseh.org.in पर दिए गए लिंक पर भरना सुनिश्चत करें।   उन्होंने आगे बताया कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड से सम्बद्धता प्राप्त अराजकीय मिडल स्तर तक के विद्यालयों द्वारा सम्बद्धता निरन्तरता शुल्क 2000/-रूपये तथा प्रथम बार स्थायी मान्यता प्राप्त विद्यालयों द्वारा सम्बद्धता के लिए 8000/-रूपये शुल्क ऑनलाइन गेटवे के माध्यम से भरा जाना है।उन्होंने आगे बताया कि शिक्षा बोर्ड द्वारा इस बारे प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र के माध्यम से भी सूचित किया गया था कि वह उनके जिलों में स्थित सभी सरकारी, गैर सरकारी, सीबीएसई, सीआईएससीई अन्य बोर्डों के विद्यालयों को निर्देश दें कि वे समय रहते बोर्ड द्वारा निर्धारित तिथियों में सम्बद्धता हेतु आवेदन करना सुनिश्चित करें।उन्होंने बताया कि ऑनलाइन सम्बद्धता शुल्क आवेदन फार्म/डाटा भरने में किसी प्रकार की तकनीकी कठिनाई के लिए हैल्पलाईन मोबाइल नम्बर 9728666956 एवं दूरभाष नम्बर 01664-244171 से 176 पर Ext. 164 111 एवं मेल affiliationbsehhelp@gamil.com पर सम्पर्क किया जा सकता है।

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