रणनीति: भारत ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को दी करारी मात, जानें कैसे

भारत ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को करारी मात दी है। इस बार मौका था अंतर संसदीय संघ (आईपीयू- इंटर पार्लियामेंट यूनियन) के चुनाव का। आईपीयू अध्यक्ष के चुनाव में पुर्तगाल को बड़े अंतर से जीत मिली है। चार देशों के मुकाबले में पाकिस्तान चौथे स्थान पर रहा। इस चुनाव में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अहम भूमिका रही। बिरला ने विभिन्न देशों के साथ मिलकर पुर्तगाल की जीत सुनिश्चित करने में प्रमुख भूमिका निभाई।

आईपीयू अध्यक्ष के लिए कुल 394 मत पड़े। बहुमत का आंकड़ा 198 का था और पुर्तगाल के दुतेर्ते पचेको 222 मतों के साथ जीतने में सफल रहे। उनके अन्य प्रतिद्वंदियों में उजबेकिस्तान के अकमल सैदोव को 67, कनाडा से सलमा अताउल्लाहजान को 53 व पाकिस्तान के मोहम्मद संजरानी को 52 वोट ही मिले। उम्मीदवारों और उनको मिले वोटों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुर्तगाल के लिए किस तरह से अंतरराष्ट्रीय लाबिंग की गई।

सूत्रों के अनुसार, भारत के लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इस चुनाव में काफी सक्रिय थे और उन्होंने पाकिस्तान को न जीतने देने के लिए रणनीति पर भी काम किया। कोरोना काल में चुनाव प्रचार व मतदान वर्चुअल तरीके से किया गया। इस बार आईपीयू की गवर्निंग काउंसिल की 206वीं बैठक में ओम बिरला ने नई दिल्ली से ही वर्चुअल माध्यम से भारतीय संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व किया। वैश्विक संस्था होने के नाते विदेश मंत्रालय व भारत सरकार की भी इसमें काफी दिलचस्पी रहती है।

भारत से भी दो नेता आईपीयू के अध्यक्ष रहे :  
गौरतलब है कि भारत से अब तक दो नेता आईपीयू के अध्यक्ष रह चुके हैं। पहली बार तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष जीएस ढिल्लों 1973 से 1976 तक इसके अध्यक्ष रहे। बाद में राज्यसभा की उप सभापति नजमा हेपतुल्ला इसकी अध्यक्ष रहीं। भारत दो बार 1969 व 1993 में आईपीयू सम्मेलनों की मेजबानी भी कर चुका है।

बिरला ने पचेको को जीत पर बधाई दी :
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पुर्तगाल के सांसद दुतेर्ते पचेको को आईपीयू अध्यक्ष का चुनाव जीतने पर बधाई दी है। बिरला ने अपने संदेश में कहा, चुनाव में आपकी जीत संसदीय कूटनीति को मजबूत करने के आपके दृष्टिकोण की सफलता है। बिरला ने उम्मीद जताई कि लोकतंत्र के आदर्शों, कानून के शासन, सर्वसम्मति के निर्माण और बहुपक्षवाद के आदर्शों में पचेको का विश्वास बदलते समय के साथ एक मजबूत और अधिक केंद्रित आईपीयू बनाने में मदद करेगा। उन्होंने पत्र में लिखा, आपके समृद्ध पेशेवर अनुभव, नेतृत्व कौशल, प्रतिबद्धता और उत्साह के साथ, आईपीयू निश्चित रूप से स्थायी विकास को प्राप्त करने के साथ-साथ एक समान, समावेशी और शांतिपूर्ण दुनिया के हमारे सामान्य लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ेगा।

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