जागरूकता के अभाव में ज्यादातर महिलाएं कानून से अनभिज्ञ:- अजनेश यादव
राजकीय महाविद्यालय, महेंद्रगढ़ में महिला अध्ययन एवं विकास प्रकोष्ठ के तत्वावधान में कानूनी अधिकार एवं घरेलू हिंसा पर एक विस्तृत व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें सिविल कोर्ट, महेंद्रगढ़ से एडवोकेट अजनेश एवं एडवोकेट सीमा सैनी ने महाविद्यालय की छात्राओं को कानूनी अधिकार एवं घरेलू हिंसा पर जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि घरेलू हिंसा कानून की जानकारी नहीं होने की वजह से ज्यादातर महिलाएं चुपचाप घरेलू हिंसा बर्दाश्त करती रहती हैं। जबकि उन्हें इस कानून के प्रति जागरूक होना चाहिए और घरेलू हिंसा को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा कानून महिलाओं को हिंसा से संरक्षण प्रदान करता है। इस कानून का मकसद घरेलू रिश्तों में हिंसा झेल रही महिलाओं को राहत पहुंचाना है। एडवोकेट ने कहा कि देश में लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं किसी न किसी रूप से घरेलू हिंसा का शिकार हैं। यह कानून महिलाओं को घरेलू हिंसा के खिलाफ बोलने का अधिकार देता है। लेकिन जागरूकता के अभाव के कारण ही ज्यादातर महिलाएं इस कानून से अनभिज्ञ हैं। इसलिए वे चुपचाप घरेलू हिंसा को सहन करती रहती हैं। महिलाओं को अपने अधिकारों व कानूनों के प्रति जागरूक होना चाहिए।इस अवसर पर महाविद्यालय के महिला अध्ययन एवं विकास प्रकोष्ठ की संयोजक प्रो. पूजा शर्मा ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत में महिलाओ को देवी के समान माना जाता है। कुछ घरो में लोग लड़कियों के जन्म को देवी लक्ष्मी का रूप समझकर शुभ मानते है। आज महिलाएं घर और दफ्तर दोनों को अच्छे और संतुलित तरीके से चला रही है। पहले की तुलना में आज हर लड़की देश में शिक्षित हो रही है और हर क्षेत्र में किसी न किसी पद पर कार्य कर रही है।कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. सुधीर लाम्बा, डॉ. मुकेश कुमार, डॉ. लक्ष्मीनारायण यादव, डॉ. महेश सिंह, प्रो. जितेन्द्र वशिष्ठ, महिला अध्ययन एवं विकास प्रकोष्ठ की सदस्या डॉ. मंजू कुमारी, डॉ. संदीप कुमारी, प्रो. अमिता कुमारी एवं बबिल सहित अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।