बावल विधानसभा से भाजपा- जेजेपी गठबंधन के नाटक से पर्दा हटा, सामने आए असली किरदार
रणघोष खास. सुभाष चौधरी
हरियाणा में विधानसभा चुनाव एक साल बाद होने हैं लेकिन टिकट के दावेदारों ने अभी से लंगोट पहननी शुरू कर दी है। नजरें सरकार चला रही भाजपा- जेजेपी के गठबंधन पर है जो हर रोज अपना चेहरा एवं चरित्र बदल रही है। मंगलवार का जेजेपी के प्रदेश महासचिव एवं बावल विधानसभा चुनाव से पार्टी की टिकट पर पिछला चुनाव लड़ चुके श्यामसुंदर सभ्ररवाल ने इस सीट से विधायक एवं राज्य के कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारीलाल पर जिस कदर हमला बोला वह साबित करता है कि गठबंधन का धर्म कर्म कुछ नहीं होता। जिसका मौका लगे अपना दांव लगा दे यही राजनीति है।
सभ्ररवाल ने कहा इस सीट से डॉ. बनवारीलाल की टिकट शत प्रतिशत कटेगी। पिछली बार भी जबरदस्त विरोध था। बावल की जनता में गुस्सा है। एम्स के नाम पर डॉ. बनवारीलाल लगातार गुमराह कर रहे हैं। अगले सीएम दुष्यंत चौटाला होंगे। 2024 के चुनाव में जेजेपी यहां से लड़ेगी और टिकट के वे प्रमुख और इकलौते दावेदार है। सभ्ररवाल ने ना अति उत्साह में आकर बोला और ना ही जुबान फिसली। पूरी तैयारी के साथ मीडिया के माध्यम से भाजपा मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और गठबंधन की पोल खोल दी। जाहिर है बोलने से पहले उन्होंने हाईकमान से अनुमति भी ली होगी। पार्टी में प्रदेश महासचिव होने के साथ साथ वे जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। पिछले चुनाव में इसी सीट पर जेजेपी की टिकट पर चुनाव लड़कर सभ्ररवाल ने तीसरी पोजीशन के साथ 30 446 यानि 21.16 प्रतिशत का अच्छा खासा वोट भी हासिल किया था । दूसरे नंबर पर कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. एमएल रंगा रहे जिन्हें 36408 वोट मिले थे जबकि डॉ. बनवारीलाल 69049 वोटों के साथ विजयी रहे। इस आधार पर सभ्ररवाल का डॉ. बनवारीलाल पर यह हमला साबित करता है कि 2024 में जेजेपी दक्षिण हरियाणा में अपनी पोजीशन को मजबूत बनाए रखने के लिए इस सीट की गठबंधन के नाम पर किसी सूरत में बलि नहीं देगी। जेजेपी को ये वोट उस समय मिले जब उसका चुनाव से एक साल पहले इनेलो से जुदा होकर जन्म ही हुआ था। इनेलो उम्मीदवार संपत डहीनवाल भी मैदान में थे। उन्हें महज 3589 वोट मिले। कुल मिलाकर लगातार दो बार विधायक से मंत्री बनते आ रहे डॉ. बनवारीलाल के लिए 2024 का चुनाव किसी सूरत में आसान नहीं है। भाजपा उन्हें किस आधार पर तीसरी बार मैदान में उतारेगी और वकालत करने में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह किस अंदाज में रहेंगे। यह देखने वाली बात होगी। डॉ. बनवारीलाल के पास बावल का विकास मॉडल और अपनी उदार छवि है लेकिन उनके निजी सचिव रहे धर्मबीर यादव पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोप चुनाव से पहले साबित हो गए तो डॉ.बनवारीलाल के लिए संभलना मुश्किल हो जाएगा। भाजपा का एक धड़ा, राव इंद्रजीत सिंह के कटटर समर्थक और विपक्षी नेता वे तमाम दस्तावेज जुटाने में लगे हुए हैं जो 2024 चुनाव से पहले विस्फोट सामग्री के तौर पर काम कर सके।