रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची मुद्रास्फीति, महंगाई से जूझ रहे यूरोप के 19 देश, चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट की आशंका

यूरोप के 19 देशों में मुद्रास्फीति रिकॉर्ड 10.7 फीसद के स्तर पर पहुंच गई। इसके पीछे की वजह प्राकृतिक गैस एवं बिजली की आसमान छूती कीमतें बताई जा रही है। इन्होंने यहां की अर्थव्यवस्था की रफ्तार को भी धीमा कर दिया है। इन सभी 19 देशों में मुद्रा के रूप में यूरो का इस्तेमाल किया जाता है। सामूहिक तौर पर इन्हें यूरोजन कहा जाता है।

यूरोपीय संघ (ईयू) के सांख्यिकी संगठनयू यूरोस्टैट की ओर से सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर महीने में एक साल पहले की तुलना में मुद्रास्फीति 10.7 फीसद पर पहुंच गई। जो कि अब तक के उच्चतम स्तर पर है। इससे पहले सितंबर में मुद्रास्फीति 9.9 फीसद रही थी।

प्राकृतिक गैस की कीमतों में उछाल

यूरोस्टैट की ओर से कहा गया है कि कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण प्राकृतिक गैस की कीमतों में आए उछाल और बिजली के दाम बढ़ने से मुद्रास्फीति में यह तेजी आई है। ऊर्जा संसाधनों पर व्यय बढ़ने से उपभोक्ताओं का अन्य जरूरी चीजों पर व्यय घट गया है। खाद्य उत्पाद, शराब एवं तंबाकू उत्पादों के दाम 13.1 फीसद बढ़े हैं, जबकि ऊर्जा संसाधनों की कीमतों में 41.9 फीसद का उछाल आया है।

चीन में अक्टूबर महीने में विनिर्माण क्षेत्र में कमजोरी देखने को मिली। इसके चलते यहां की अर्थव्यवस्था में गिरावट की आशंका बढ़ गई है। सरकारी सांख्यिकी ब्यूरो और एक आधिकारिक उद्योग समूह के अनुसार मासिक क्रय प्रबंधकों का सूचकांक अक्टूबर में घटकर 49.2 रह गया, जो सितंबर में 50.1 था।

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