रेवाड़ी जिले की राजनीति में गर्माहट शुरू..

अपने समर्थकों के भरोसे ही राजनीति मिजाज को समझ रही है आरती राव, आसान नहीं है डगर


 रणघोष खास. बावल. रेवाड़ी से  सुभाष चौधरी

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव बदलती  राजनीति का मिजाज समझने व जानने के लिए एक बार फिर चाय कार्यक्रमों में अपने समर्थकों के पास पहुंची। पिता की इतनी बड़ी राजनीति विरासत को इतनी जल्दी संभाल लेना आरती के लिए आसान नहीं है। इसलिए वह समर्थकों के भरोसे माहौल को समझ रही है कि 2024 के विधानसभा चुनाव में कौनसा  मैदान लड़ने के लिए बेहतर रहेगा। बावल आरक्षित विधानसभा सीट है जहां से उम्मीदवार की पहचान राव इद्रजीत सिंह के चेहरे से होती है। लिहाजा इस सीट पर टिकट देते समय हाईकमान राव की अनदेखी नहीं करता। इसलिए समय समय पर राव परिवार का कोई ना कोई सदस्य इस क्षेत्र में आकर अपने समर्थकों को संभालता रहता है। बावल से अनिल रायपुर पूरी तरह से फॉर्म में है। आरती राव के बावल दौरे का शैडयूल भी अनिल ने पूरी तरह से संभाल रखा था। इसी तरह रेवाड़ी विधानसभा में सुनील मुसेपुर ने कार्यक्रमों का खाका तैयार किया हुआ था। आरती राव ने इस बार अपने भाषणों में संसद में पारित हुए 33 प्रतिशत महिला आरक्षण के मुद्दे को सबसे आगे रखा। साथ ही इशारों ही इशारों में यह बता दिया कि आने वाला समय उन्हीं का है। आरती के भाषण में भाजपा सरकार की तारीफ यह बताने के लिए काफी है कि वह मौजूदा माहौल को देखते हुए आगे बढ़ रही है। यहां आरती के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने आस पास कार्यकर्ताओं के नए चेहरों का ना के बराबर होना है। उनके पास समर्थकों के नाम पर जो चेहरे सामने आ रहे हैं उसमें आधे बाजारू है जो आरती राव के आने पर ही आमजन के बीच में नजर आते हैं ओर जाते ही गायब हो जाते हैं। वे इस कदर घेराबंदी व माहौल बनाकर रखते हैं मानो राव की राजनीति के असली चौकीदार ही वे ही है। अगर राव परिवार समर्पित और बाजारू कार्यकर्ताओं की सही समय पर पहचान कर पाया तो काफी हद तक संतुलन की राजनीति कर जाएंगे नहीं तो एक बड़ी कीमत भी चुका सकते हैं। कुल मिलाकर राव इंद्रजीत सिंह के लिए लोकसभा व विधानसभा चुनाव में अपना असर पूरी तरह से बनाए रखना पहले की तरह आसान नहीं रहा। इसके लिए उन्हें पहले से ज्यादा चौकस ओर समझदारी दिखानी होगी।

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