विजिलेंस के घेरे में सरकारी स्कूल, नांगल पठानी के प्राचार्य से मांगी रिपोर्ट

रणघोष अपडेट. जाटूसाना. रेवाड़ी


सरकारी स्कूलों में सौंदर्यीरण एवं भवन निर्माण के नाम पर सरकारी स्कूलों के मुखिया एवं प्रबंधन समिति द्वारा किए जा रहे गोलमाल की बढ़ी रही शिकायतों के मद्देनजर हरियाणा शिक्षा निदेशालय की गाइड लाइन पर विजिलेंस जांच की कार्रवाई शुरू हो गई है। गांव नांगल पठानी के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को भी नोटिस जारी किए गए हैं। जब यह नोटिस जारी किया गया उस समय इस स्कूल के प्राचार्य सत्यपाल यादव थे जिनका तबादला हो गया है। सत्यपाल यादव राजनीति में सक्रियता के चलते थानेदार के नाम पर ज्यादा जाने जाते हैं। पिछले दिनों बेटे की शादी में हेलीकॉप्टर से दुल्हन लाने और अखबारों में शादी का लाखों रुपए का विज्ञापन देकर अच्छी खासी चर्चा में आए थे। हालांकि अभी स्कूल के रिकार्ड की जांच होनी बाकी है। उसके बाद ही पता चलेगा कि करवाए गए कार्यों में कितनी पारदर्शिता बरती गईं।

भेजे गए नोटिस के मुताबिक स्कूल में भवन निर्माण एवं अन्य कार्यों  के नाम पर खर्च की गई राशि की जांच विजिलेंस के तौर पर एडीसी कार्यालय की तरफ से की जानी है। नोटिस में स्कूल प्राचार्य से  2018-19 से वर्ष 2020-21 में शिक्षा निदेशालय से प्राप्त अनुदान राशि  की पूरी रिपोर्ट एवं निर्माण कार्य से संबंधित एमबी, बिल, रजिस्टर, टेंडर प्रक्रिया इत्यादि एक सप्ताह में एडीसी कार्यालय में जमा कराने को कहा है। यहां बता दें की चंडीगढ़ में कुछ कर्मचारियों एवं निचले स्तर के अधिकारियों एवं जिला स्तर पर शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों से मिलकर स्कूल स्कूलों के प्राचार्यों ने भवन निर्माण एव अन्य कार्यों के नाम पर हर साल अलग अलग मदों से करोड़ों रुपए की ग्रांट जारी करवा ली गई। इसी दौरान ऐसे बहुत से स्कूलों को ग्रांट नहीं मिली जिसे सही मायनों में बेहद जरूरत थी।  नियमानुसार किसी भी स्कूलों में यह राशि खर्च करते समय जिला स्तर पर गठित कमेटी के सदस्यों की मौजूदगी एवं सहमति होना जरूरी है। कुछ स्कूलों ने कमेटी को ही अनदेखा कर ग्रांट की राशि को इधर उधर कर दिया।  हर जिले में 10 से 15 स्कूलों में इस तरह का खेल किया गया है। जिसके आधार पर शिक्षा निदेशालय के दिशा निर्देश पर हर जिले में एडीसी के नेतृत्व में विजिलेंस जांच  शुरू हो गई है। अधिकारियों की माने तो यह बड़े स्तर का गोलमाल है।

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