भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने महाराष्ट्र में अपने गठबंधन सहयोगी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को कड़े संदेश में, चेतावनी दी है कि वह ‘लक्ष्मण रेखा’ पार न करे या पार्टी के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को कमजोर करने की कोशिश न करे. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में भाजपा सूत्रों के हवाले से यह कहा गया है. रिपोर्ट में राज्य के एक उच्च पदस्थ भाजपा सूत्र के हवाले से कहा गया है, ‘दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे को उनके नेतृत्व वाली शिवसेना द्वारा प्रकाशित पूरे पृष्ठ के विज्ञापन पर अपनी नाराजगी के बारे में बताया है. इस विज्ञापन में एकनाथ शिंदे को देवेंद्र फडणवीस से अधिक लोकप्रिय दिखाया गया था.’
पूरे पेज का विज्ञापन मंगलवार को राज्य के सभी अखबारों में छपा. इस विज्ञापन में ‘भारत के लिए मोदी, महाराष्ट्र के लिए शिंदे. इस ड्रीम टीम को सभी प्यार करते हैं’ का नारा दिया गया था. विज्ञापन में एक सर्वेक्षण के हवाले से कहा गया था कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद के लिए महाराष्ट्र के लोगों की पहली पसंद हैं और 26 प्रतिशत लोगों ने उनका समर्थन किया है, उसके बाद देवेंद्र फडणवीस हैं, जिन्हें 23.2 प्रतिशत लोगों का समर्थन प्राप्त है. भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा नाराजगी जताए जाने पर, डैमेज कंट्रोल की कवायद में, शिंदे गुट की शिवसेना ने बुधवार को अखबारों में एक और विज्ञापन जारी किया.
नए विज्ञापन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ उपमुख्मंत्री देवेंद्र फडणवीस की भी फोटो थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ, शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे, और ठाणे के शिवसेना नेता रहे दिवंगत आनंद दिघे की तस्वीरें भी विज्ञापन में दिखीं. नए विज्ञापन में शिंदे और फडणवीस के बीच तुलना को हटा दिया गया. इसके बजाय, यह बताया गया कि 46.4 प्रतिशत लोग भाजपा और शिवसेना की गठबंधन सरकार को पसंद करते हैं. द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 24 घंटे के भीतर, केंद्रीय भाजपा नेतृत्व, विशेष रूप से गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की तीखी फटकार के बाद शिवसेना की ओर से डैमेज कंट्रोल की यह कवायद हुई है.
महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को शिवसेना के विज्ञापन पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘मंगलवार को जारी किया गया विज्ञापन जिसमें शिवसेना ने शिंदे और फडणवीस के बीच तुलना की थी, वह ठीक नहीं था. इससे बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की भावनाएं जरूर आहत हुई हैं. इससे साफ है कि यह किसी की शरारत है. लेकिन आज के विज्ञापन से पता चलता है कि उन्हें गलती का एहसास हुआ और उन्होंने इसे सुधार लिया. इस बारे में जहां तक भाजपा का संबंध है, तो अब यह बीती हुई बात हो गई है.’ महाराष्ट्र में 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले, भाजपा का यह मानना है कि वह अकेले राज्य में महाविकास अघाड़ी की राजनीतिक चुनौती का सामना नहीं कर सकती है और उसे शिंदे सेना के रूप में एक सहयोगी की जरूरत होगी.