संकीर्ण सोच से बाहर निकलें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी : बलवंत फौगाट

तीनों कृषि कानून रद्द हों और आंदोलन में शहादत देने वाले किसानों की मदद करे सरकार


नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए संकीर्ण सोच से बाहर निकलकर आंदोलनकारी किसानों की मांगें अविलंब पूरी करनी चाहिए। यह बात खाप फौगाट के प्रधान बलवंत फौगाट नंबरदार ने कितलाना टोल पर अनिश्चित कालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि 11 दौर की बातचीत के बाद भी केंद्रीय कृषि मंत्री ये मसला नहीं सुलझा सके हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री को सीधा दखल देते हुए तीन कृषि कानून रद्द करने के साथ एमएसपी की गारंटी देने के लिए संसद की आपात बैठक बुलानी चाहिए।

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि कैसी विडंबना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली से 1500 किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुई दुर्घटना में पीड़ितों के लिए संवेदना जताने के साथ 2- 2 लाख आर्थिक मदद का ऐलान करने का तो वक्त है लेकिन दिल्ली बॉर्डर पर 58 दिन से बैठे लाखों किसान नहीं दिखाई नहीं देते। यहां तक कि इस आंदोलन में अब तक 125 से ज्यादा किसान शहादत दे चुके हैं लेकिन प्रधानमंत्री ने उनके परिवारों को आर्थिक मदद करना तो दूर उनके बारे में एक शब्द तक बोलना उचित नहीं समझा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को चेताते हुए कहा कि किसानों की अनदेखी सरकार को महंगी पड़ेगी।

कितलाना टोल पर चले रहे अनिश्चित कालीन धरने की 28वें दिन सुरजभान सांगवान, बिजेंद्र बेरला, बलवंत नंबरदार, सीताराम शर्मा, मास्टर राजसिंह, कमल सिंह मांढी, कृष्णा छपार, दिलबाग ढुल, रघुबीर श्योराण काकड़ोली की संयुक्त अध्यक्षता की। किसान नेताओं ने 18 जनवरी को बाढड़ा में आयोजित ट्रैक्टर किसान मार्च में शामिल महिला अनिल हड़ौदी के दुर्घटना में घायल होने पर इक्कीस हजार की आर्थिक मदद करने की घोषणा की। अध्यक्ष मंडल ने धरना स्थल से एक ट्रैक्टर को दिल्ली टिकरी बॉर्डर रवाना किया जिसमें पैंतावास कलां के सोमबीर, मंजीत, नवनीत, जगजीत, सुमित, सचिन, सोनू, रिंकू, अमित शामिल थे। धरने पर छोटे बच्चे साक्षी सांगवान, सायना, दीक्षा, पल्लवी, यश कुमार, मनदीप ने देश भक्ति की कविताएं सुना आंदोलनकारियों का मन मोह लिया।

धरने का मंच संचालन रणधीर घिकाड़ा ने किया। इस अवसर पर राजकुमार हड़ौदी, सुरेश फौगाट, राजू मान, मंगल सिंह खरेटा, रणधीर कुंगड़, सुरेन्द्र कुब्जानगर, प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, दिलबाग ग्रेवाल, बिल्लू रासीवास, कमल प्रधान, धीरज सिंह, रत्तन जिंदल, बलवान पार्षद, सरदार इंद्र मोहन, सरदार बलदेव सिंह, ज्ञान सिंह बागड़ी, सत्यवान बलियाली, बलजीत फौगाट, शीशराम यादव, मास्टर हरिराम चंदेनी, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, सत्या लेघा, बीरमति, राजपाल, रामकुमार फौजी इत्यादि शामिल थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *