सरकार का फोकस अब हेल्थ सेक्टर पर, हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने की योजना पर काम तेज़ – डिप्टी सीएम

– तीन मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का टेंडर जारी, दो अन्य पर भी काम तेज़ 

– सभी जिला अस्पतालों में होंगे 200 बेड, हर बड़े अस्पताल में बनेगा ऑक्सीजन प्लांट


प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप के बाद अब राज्य सरकार धीरे-धीरे प्रदेश को वापस पटरी पर ला रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए सभी विभाग अच्छा कार्य कर रहे है, जिसके कारण आज हरियाणा का रिकवरी रेट बेहतर हो रहा है और प्रतिदिन कोरोना के करीब 15 हजार केस से करीब 4 हजार मामलों तक वापस आ गया है इसलिए सरकार चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन में छूट दे रही है। वहीं उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार का प्रदेशवासियों को और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने पर फोकस रहेगा ताकि भविष्य में ऐसी आपात स्थितियों से निपटा जा सके। डिप्टी सीएम ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना काल को अवसर के रूप में देखते हुए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अपना आधारभूत ढांचा मजबूत करेगी। दुष्यंत चौटाला ने उदाहरण के तौर पर बताया कि उन्होंने उचाना में लिक्विड ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट के अतिरिक्त 10 लाख रुपये की राशि से बॉटलिंग यूनिट स्थापित करने को मंजूरी दी है ताकि ऑक्सीजन की सप्लाई सीमित ना रहे। इस यूनिट से आसपास के क्षेत्र के छोटे अस्पतालों में भी रिफिलिंग यूनिट के तौर पर ऑक्सीजन का प्रयोग हो सकेगा। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर ऐसे नये तरीके निकालने पड़ेंगे। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी जिलों में 200 बेड़ों के अस्पतालों की बेहतर व्यवस्था बनाने पर पहले से ही कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष सिरसा, कैथल समेत तीन जिलों में मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा की गई थी, सरकार ने इनके निर्माण के लिए टेंडर निकाल दिया है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इनके अलावा सरकार ने दो अन्य मेडिकल कॉलेज बनाने की योजना पर भी काम तेज कर दिया है।  उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लिक्विड ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट सीमित थे। चूंकि ऑक्सीजन हिसार और पानीपत में उपलब्ध थी, इसे देखते हुए सरकार ने कोरोना मरीजों के उपचार के लिए दोनों जिलों में 500-500 बेड के अस्पतालों की व्यवस्था की और सीधे पाइपलाइन के जरिये ऑक्सीजन की सप्लाई की। इसके अलावा ओड़िशा, झारखंड से ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई। अब प्रदेश सरकार राज्य में ही ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट लगवाने को बढ़ावा दे रही है और सरकार यह व्यवस्था भी सुनिश्चित करेगी कि सभी बड़े मेडिकल अस्पतालों में बिना रुकावट ऑक्सीजन सप्लाई हो। यहां तक कि बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट खुद के लगवाए जाएंगे ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति आने पर ऑक्सीजन की कमी न रहे। दुष्यंत चौटाला ने यह भी कहा कि बढ़ते कोरोना संक्रमण के दौरान शुरू में दिल्ली, एनसीआर क्षेत्र के कोरोना मरीजों के उपचार का लोड हरियाणा पर रहा। एनसीआर अस्पतालों के करीब 30 प्रतिशत बेड दिल्ली के लोगों के उपचार के लिए प्रयोग हुए। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से हरियाणा में जो भी मरीज कोरोना उपचार के लिए आए, राज्य ने उनका उपचार किया और उन्हें स्वस्थ करके वापस भेजा। डिप्टी सीएम ने कहा कि गांवों को संक्रमण के रोकथाम के लिए सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में आइसोलेशन वार्ड स्थापित किए गए, जिसका मेडिकल टीमों के साथ ग्रामीण कमेटियां संचालन कर रही है। उन्होंने कहा कि यहां कोरोना संक्रमित मरीज आइसोलेट होकर अपना उपचार करवा रहे है। वहीं गंभीर मरीजों को उपचार के लिए तुरंत यहां से अस्पतालों में शिफ्ट किया जाता है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश सरकार जरूरतमंद रोगी के लिए ऑक्सीजनएचआरवाई डॉट इन वेबसाइट के माध्यम से घर-घर तक ऑक्सीजन पहुंचा जा रही है, इसके लिए पुलिसकर्मी भी पीसीआर से होम आइसोलेट कोरोना संक्रमित को उनके घर पर ही ऑक्सीजन मुहैया करवाने में सहयोग कर रहे है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने गांवों में कोरोना संक्रमण के खिलाफ भ्रम फैलाया कि गांवों में कोरोना नहीं फैल रहा और न ही कोई वैक्सीनेशन करवाएं, ऐसी सोच के लोगों ने ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को कोरोना के बचाव के प्रति दूर रखा। उन्होंने आगे कहा कि ग्रामीणों ने देशभर में बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए गांवों में खुद लॉकडाउन लगाने के साथ-साथ नाके भी लगाए ताकि कोरोना का फैलाव न हो। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सरकार ग्रामीणों के सहयोग से कोरोना का रोकथाम कर पाई है। साथ ही डिप्टी सीएम ने कहा कि वैक्सीनेशन का विरोध करवाने वाले लोगों से जरूर पूछना चाहिए कि वे खुद क्यूं वैक्सीनेशन करवा रहे है?

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