सहकारिता विभाग घोटाले में सीएम मनोहरलाल ने मोर्चा संभाला

स्पेशल टास्क फोर्स कर एक एक रुपया वसूलेंगे, 1992 से चल रहा था यह खेल


रणघोष अपडेट. चंडीगढ़

सहकारिता विभाग में हुए घोटाले को लेकर विपक्ष के हमलों का मुख्यमंत्री ने संदन में सिलसिलेवार जवाब दिया। उन्होंने कहा कि 2008 से लेकर अभी तक हर जिले का आडिट किया गया। उस ऑडिट में कमी पाई गई तो हमने इसकी जांच कराईं। अभी तक 4 जिलों में 8 करोड़ 80 लाख रुपए का घोटाला आया है। ऐसे में विपक्ष अनुमान के आधार पर इसे 100 करोड़ का घोटाला बता रहा है। यह गलत है। दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ साथ उनकी प्रोपर्टी अटैच की गई है। उन्होंने हैरानी जताई कि 1992 से घोटाले की परत शुरू हो गई थी। उस समय ही निगरानी हो जाती तो यह नौबत नहीं आती। इस घोटाले की एसीबी बड़े स्तर पर जांच रहा है। अब हमने उसके अंतगर्त स्पेशल टास्क फोर्स अलग से बनाई है जो हरियाणा की प्रत्येक समितियों की बारीकी से जांच करेगी। इसमें कोई भी बड़े से बड़ा व्यक्ति क्यों ना हो वह नहीं बचेगा। हम पूरी रिकवरी कराकर रहेंगे। उन्होंने कहा  की अभी तक 328 करोड़ रुपए आए जिसमें 259 करोड़  रुपए खर्च हुए  जिसमें घोटाला सामने आ रहा है। शेष 69 करोड़ रुपए की राशि अभी भी बैंकों में जमा है। उन्होंने कहा कि जिसे सस्पेंड किया है उन्हें भी जांच के बाद बर्खास्त किया जाएगा। किसी को नही छोड़ेगे।