विपक्ष का हमला, बड़ी मछलियों को बचाने में लगी भाजपा सरकार

जांच के नाम पर खाना पूर्ति कर बंद करवा दी जाती हैं फाइलें 


रणघोष अपडेट. चंडीगढ़. रेवाड़ी

बजट सत्र के अंतिम दिन रेवाडी विधायक चिरंजीव राव द्वारा विधानसभा में सहकारिता विभाग में हुए 100 करोड के घोटाले पर ध्यानाकषर्ण प्रस्ताव  लाया गया। जिसमें विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि सबसे बडी बात यह रही कि जो अन्नदाता देश का पेट भर रहा है और जो पैसा किसानों के हित के लिए लगाया जाना चाहिए था उस पैसे से अफसरों ने मिलीभगत कर रेवाडी, करनाल, जीरकपुर में लगजरी फलैट खरीद लिए। यह घोटाला 100 करोड का नही बल्कि ज्यादा का है। लेकिन सरकार नही चाहती की इस मामले की निष्पक्ष  जांच हो। क्योंकि इस घोटाले में सहकारिता विभाग के कोर्डिनेटर नरेश गोयल को आज तक गिरफतार ही नही किया है तो फिर कैसे दूध का दूध और पानी का पानी होगा। विधायक चिरंजीव राव ने कहा यह इतना पूराना घोटाला है, अब तक विभाग द्वारा ओडिट क्यों नही करवाया गया। इतना ही नही इस घोटाले के लिए कई समाजिक लोगों ने 2022 में शिकायत भी दी थी। लेकिन सरकार ने कोई कदम नही उठाया। चिरंजीव राव ने सदन में पूछा कि सरकार यह बताए कि 100 करोड के घोटाले की रिकवरी कैसे की जाएगी, क्योंकि देश में ही नही विदेशों में भी प्रोपटी खरीदी गई है। चपरासी से लेकर जीएम तक शामिल हैं। 22 करोड रूपये एफडी का ब्याज भी डकारा है। मामले की मास्टर माइंड हैं, अनु कौशिश ने केवल सहकारिता के खाते से करोडों रूपये निकाले बल्कि कंपनियों को की गई फर्जी पेमेंट में से परिवार के नाम पर रिश्वत ली। अनु कौशिश के नाम पर करोडों रूपये की जमीन खरीदी गई हैं। गुरूग्राम में दर्ज एफआईआर 29 के अनुसार आईसीडीपी अवधि समाप्त होने के बाद भी अनु कौशिश ने 4 करोड रूपये निकाले। इसे अलग अलग लोगों को ट्रांसफर किया गया और 54 लाख रूपये का हिस्सा कौशिश परिवार को वापस दिया गया। इसमें से 1,22 करोड रूपये की जमीन कौशिश के लिए सिरसा में खरीदी गई थी। पिछले साल गुरूग्राम में दर्ज एफआईआर 22 और 23 में एसीबी ने जीएम आईसीडीपी योगेंद्र अग्रवाल के नाम पर एसआरके अपार्टमेंट, जीरकपुर में एक फलैट खरीदने के लिए आईसीडीपी रेवाडी बैंक खाते से 43 लाख रूपये हस्तांतरण का पता लगाया था। यह भुगतान 2018 में किया गया था। एंटी करप्शन ब्यूरो ने 17 की परिमिशन के लिए फाइल सरकार के पास भेजी गई है, लेकिन सरकार ने परमिशन नही दी है, इससे साफ पता चलता है कि सरकार अपने चहेतों को बचाना चाहती है। विधायक चिरंजीव राव ने बताया प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सोनीपत दौरे पर कहा था कि यह पैसा केंद्र सरकार का है और केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच के लिए बोला है और प्रदेश सरकार ने भी इसके लिए सहमति दे दी है। जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सीबीआई जांच के लिए मना कर रहे हैं। जिससे पता चलता है की दाल में कुछ काला है।