स्वास्थ्य सेवाओं में एक नया खुलासा, सीएम- स्वास्थ्य महानिदेशक को भेजा पत्र

प्राइवेट अस्पताल- कंपनी एचआर मिलकर बीमारी के नाम पर कर रहे खेल


रणघोष अपडेट. रेवाड़ी

स्वास्थ्य सेवाओं में इलाज के नाम पर तरह तरह के खेले जा रहे खेल में एक नए खेल का खुलासा हुआ है। इसमें निजी कंपनियों में कार्यरत एचआर अधिकारी एवं प्राइवेट अस्पताल के संचालकों की आपसी मिलीभगत से इलाज के नाम पर वसूली की जा रही है। कंपनी में एचआर अधिकारी अपने निजी लालच में कंपनी को चूना लगा रहे हैं वहीं निजी अस्पताल संचालक फर्जी झूठे बिल बनाकर कंपनी व सरकार की नीतियों का मजाक बना रहे हैं। इस खेल को चालाकी से नि:शुल्क स्वास्थ्य कैंप के माध्यम से  खेला जा रहा है। कंपनी प्रबंधन को लगता है कि वह इस तरह के कैंप लगाकर अपने कर्मचारियों में विश्वास व चिंता करने वाले अभिभावक की सोच को मजबूत कर देगी। ऐसा सोचना भी तर्कसंगत है इससे कर्मचारी स्वास्थ्य के प्रति गंभीर हो जाता है। लेकिन प्राइवेट अस्पताल की नजर में यह पूरी तरह से अपने बिजनेस को चालाकी से हासिल करना है। नि:शुल्क के नाम पर मरीजों की रिपोर्ट तैयार की जाती है। रिपोर्ट के साथ भी बीमारी के नाम पर  कई तरह की हरकतें की जाती हैं ताकि चैकअप कराने वाला किसी ना किसी तरीके से उनके अस्पताल में इलाज के नाम पर पहुंच जाए। चूंकि अस्प्ताल कंपनी के पैनन में होते हैं इसलिए कर्मचारी को इलाज के नाम पर कोई राशि खर्च नहीं कर पड़ती है। यहां भी पैनल के नाम पर खेल चलता है जिसे एचआर अधिकारी की मिली भगत से खेला जाता है। जो अस्पताल संचालक एचआर अधिकारी की डिमांड को पूरा कर देते हैं वे बिना सुविधा वाले अस्पतालों को भी शानदार बताकर पैनल में शामिल कर लेते हैं। मानेसर में ऐसे ही अस्पतालों का पर्दाफाश हो चुका है। कर्मचारी सबकुछ जानते हुए भी इसलिए चुप रहता है कि उसकी नौकरी पर कही आंच नही आ जाए। कंपनी एचआरअधिकारी भी चालाकी से कंपनी यूनिट हैड व कोर कमेटी में शामिल अधिकारियों को पहले ही अपने विश्वास में ले लेता है। प्राइवेट अस्पताल की तरफ से इन अधिकारियों के लिए मस्ती वाली पार्टी से लेकर टूर प्रोग्राम का ऑफर, महंगे उपहार व सामान का पहले से ही पैकेज बना रहता है।  कुल मिलाकर सीएम मनोहरलाल एवं स्वास्थ्य महानिदेशक हरियाणा को जो शिकायत भेजी गई है। उसमें स्पष्ट हो रहा है कि रेवाड़ी समेत उन शहरों में चल रहे अस्पतालों में आधे से ज्यादा कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों की बीमारी के रहमों करम पर चल रहे हैं। इसमें इनकी जांच कराने के लिए कहा गया है। रेवाड़ी में 15 से ज्यादा अस्पतालों के नाम शामिल है जो सेक्टरों व शहर में अलग अलग जगह खुल रहे है इसमें आधे से ज्यादा तो विवादों में रहे हैं ओर कुछ डॉक्टर्स पर अलग अलग तरह के मामले चल रहे हैं जिसे राजनीतिक रसूक व लेन देन से दबा दिया जाता है। 

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