हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को इस अंदाज से भी परखिए

नायब जी ने जिससे भी रिश्ता रखा वह हमेशा कमल की तरह खिलखिलाता रहा


रणघोष खास. एडवोकेट कमल निम्बल की कलम से

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कार्यप्रणाली, व्यक्तित्व को दो तरीकों से समझा और महसूस किया जा सकता है। पहला जब से उन्होंने प्रदेश के मुखिया की जिम्मेदारी संभाली है। उनकी समझ से व्यवस्था से आने वाले बदलाव के तोर पर इसे देखा जा सकता है। दूसरा उनके साथ एक लंबा रिश्ता रखने वालों के अनुभव से इस शख्सियत को करीबी से जान सकते हैं।

सौभाग्य से मेरा उनसे रिश्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पाठशाला से शुरू होकर सामाजिक और राजनीतिक गलियारों से होता हुआ आज भी कमल की तरह खिलखिला रहा है। अलग अलग स्मरणों से यह स्पष्ट हो जाता है। यह बात 2007 के आस पास की है। मेरी मुलाकात नायब जी से अंबाला में हुई जब वे भाजपा युवा मोर्चा अंबाला के पदाधिकारी के तौर पर कार्य कर रहे थे। उस समय मुझे अंबाला कैंट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विद्यार्थी विस्तारक का दायित्व मिला हुआ था। इसके लिए एक समयावधि तक गृहस्थ जीवन छोड़कर आना होता है। इसका कार्य संघ विचारधारा का प्रचार प्रसार कर राष्ट्रीय हित में व्यक्तित्व का निर्माण करना है। इसी दौरान जब संघ का प्रशिक्षण शिविर लगाया हुआ था। मै वर्ग में गण शिक्षक का दायित्व का निर्वहन कर रहा था। जिसमें नायब जी ने प्रशिक्षण के तौर पर भाग लिया । समय बीतता गया। नायब जी 2014-15 में हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गए और 21 जून को योग दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर उनका  रेवाड़ी आगमन हुआ। पहली बार उनके सहज और सरल स्वभाव की अनुभूति हुई जब वे बिना किसी वीआईपी कल्चर व औपचारिकता के सीधे मेरे  छोटे से घर आ गए। करीब तीन घंटे परिवार के साथ रहे और भोजन भी किया। इतना ही नहीं मेरे जैसे साधारण व्यक्ति को अपनी गाड़ी में बैठाया ओर आयोजन स्थल पर पूरे समय साथ रखा। दूसरा वाक्या चंडीगढ़ में एडीए की परीक्षा से जुड़ा याद आ रहा है। पंजाब- हरियाणा से हजारों अधिवक्ता परीक्षा देने के लिए पहुंचे थे। हमारी 18 वकीलों की मित्र मंडली रहने की व्यवस्था को लेकर परेशान थी। रात के 11 बज चुके थे। साहस जुटाकर नायब जी को फोन लगाया तो वे हरिद्धार आए हुए थे। कुछ समय में ही उन्होंने हमारे रहने व भोजन तक का प्रबंध करा दिया। जब भी उनकी आवश्यकता महसूस हुई वे संबंधों एवं व्यक्तित्व की अनुभूति का अहसास करा देते हैं। 24 घंटे किसी भी समय हमने उनके फोन को कभी बंद नहीं पाया। 2016 में हरियाणा विधानसभा में डिप्टी सेक्रेटरी पद के लिए आवेदन किया था। ट्रेन से अल सुबह पहुंचा तो नायब जी ने सीधे घर बुलाया, नाश्ता पानी कर अपनी गाड़ी से इंटरव्यू के लिए  मुझे विधानसभा छोड़ा।  2019 में कुरुक्षेत्र संसदीय चुनाव का वाक्या सुनाता हूं। भारी भीड़ थी नामाकंन से पहले नायब जी मंच से जनता को संबोधित कर रहे थे। हम बहुत पीछे थे। पता चला तो उन्होंने डीएसपी को भेजकर मुझे स्टेज पर बुलाया और गले लगाकर कहा  निम्बल जी इतनी दूर से आने की क्या जरूरत थी। ऐसे बहुत से सात्विक, नैतिक, गरिमादायक, मानवीय दृष्टिकोण से लबालब अनुभव उनके साथ रहे हैं जिससे उनके असल व्यक्तित्व का अहसास होता है। ऐसा नहीं है कि यह अकेला मेरा अनुभव है। नायब जी हर किसी के साथ इसी तरह का रिश्ता निभाते रहे हैं। मुझे अवसर मिला तो आपसे सांझा कर लिया।