हरियाणा में सीएससी सेंटर पर फ्री के नाम पर खेल, आमजन से रोज कई करोड़ों की अवैध वसूली

–    पिछले दिनों मेवात में पांच सीएससी संचालकों पर एफआईआर दर्ज हुईं

–    जहां अधिकारी ईमानदार, सजग वहां पकड़े जा रहे मामले

–    सरकार के कागजों में सीएससी की संख्या 21 हजार पार, जमीनी स्तर पर तस्वीर अलग

–    सुशासन की बात करने वाले भाजपाई ई श्रमिक कार्ड शिविर का काट रहे रिबन, असलियत का पता नहीं

–     स्टेट विजिलेंस ग्राहक बनकर कर सकती है इस खेल का पर्दाफाश, शिकायतें पहुंची


रणघोष अपडेट. चंडीगढ़ से


हरियाणा में थोक के भाव हर जिले में खुल रहे कामन सर्विस सेंटर यानि सीएससी आमजन के लिए बेहतर सेवा से ज्यादा अवैध वसूली का प्लेटफार्म बनते जा रहे हैं। पिछले दिनों मेवात में उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह ने अपने स्तर पर ऐसे पांच सीएससी संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी जो नि:शुल्क सर्विस होने के बावजूद लोगों से 100 से 200 रुपए की गलत ढंग से वसूली कर रहे थे। यमुनानगर, पानीपत, कैथल, पानीपत, सोनीपत के बाद अब रेवाड़ी एवं महेंद्रगढ़ जिले में भी इस तरह की शिकायतें शीर्ष अधिकारियों के पास पहुंची है। पिछले कुछ दिनों से श्रमिकों के ई कार्ड बनाने का कार्य युद्ध स्तर चल रहा है। लगभग सभी सीएससी केंद्रों को विशेषतौर से इसी कार्य में एक निर्धारित लक्ष्य के साथ लगाया हुआ है। भाजपा के छोटे बड़े नेता, विधायक एवं मत्री अपने अपने हिसाब से श्रमिक कार्ड बनाने के लिए लगाए जा रहे शिविरों का उदघाटन कर रहे हैं। कार्ड बनवाने वाले श्रमिकों एवं सीएसएसी पर अन्य योजनाओं प्रमाण पत्र बनवाने वालों में अधिकांश का कहना है कि फ्री के नाम पर अधिकारी, नेता मीडिया में कोरी वाही वाही लूट रहे हैं जबकि हकीकत में सीएससी संचालक लेमिनेशन, फोटोकापी या जल्दी बनाने के नाम पर 100 से 200 रुपए की वसूली कर रहे हैं। ज्यादातर श्रमिक अपनी दहाड़ी बचाने व लोग भीड़ से बचने के लिए 100 से 200 रुपए की परवाह नहीं करते हुए अपना काम कराने को मजबूर है। कुछ ने शिकायत दर्ज करवाई तो अधिकारियों ने बजाय कार्रवाई करने के उसे समझाकर वापस भेज दिया। अभी तक जितनी भी शिकायतें आई हैं उसके आधार यह सामने आ रहा है कि इसकी जानकारी जिला स्तर पर एनआईसी में नियुक्त डीएम के पास होती है लेकिन अधिकांश की सीएससी संचालकों से मिली भगत रहती है। उलटा वे शिकायत के नाम पर सीएससी संचालकों से अलग से अपनी सेवा पानी करवा लेते हैं। अगर कोई शिकायत किसी तरह पंचकूला पहुंच जाती है उस समय तक तो शिकायतकर्ता को संतुष्ट कर लिया जाता है।

 मेवात से नहीं लिया सबक, रेवाड़ी- महेंद्रगढ़ में धडल्ले से खेल

चंडीगढ़ पहुंची जानकारी के अनुसार मेवात में जिस तरह प्रशासन ने सीएससी संचालकों को अवैध वसूली करते हुए पकड़ा। उस हिसाब से साथ लगते रेवाड़ी एवं महेंद्रगढ़ में धडल्ले से जनता से नि:शुल्क के नाम पर बड़ी चालाकी से 100 से 200 रुपए वसूल किए जा रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि सभी सीएससी संचालक ऐसा कर रहे हैं जिसकी अपने अधिकारी से अच्छी नमस्ते हैं वहां आराम से अलग अलग बहाने से आमजन को लूटा जा रहा है।

 सेंटर के किसी कोने पर लगा दी जाती हैं हिदायतें ताकि नजर ना पड़े

सीएससी के बाहर अंदर किनकिन सुविधाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं यह तो बड़ेबड़े अक्षरों में लिखा है। मगर रेट लिस्ट या तो नजर नहीं आती या किसी ऐसे कोने में लगा दी जाती है कि किसी को नजर नहीं आए। रेट पता नहीं होने से लोगों को भी जेब ढीली करनी पड़ रही है। यदि सीएससी पर लोगों को सुविधाएं इतनी ही पारदर्शिता बिना हेराफेरी के दी जा रही हैं तो सामने  रेट लिस्ट लगाने में क्या हर्ज है। स्कूलों में दाखिले लिए सभी कामन सर्विस सेंटर पर आय प्रमाण पत्र और रिहायशी प्रमाण पत्र बनवाने वालों की संख्या बढ़ी है। इन सेवाओं के लिए 30 रुपये प्रति सर्टिफिकेट निर्धारित किया है, लेकिन सीएससी संचालक 100 से 150 रुपये तक वसूल रहे हैं। जाति प्रमाण पत्र, आय, स्थायी निवास, पेंशन, बिजली कनेक्शन की फाइल, राशन कार्ड समेत 100 से अधिक विभागीय स्कीमों के आवेदन फार्म अटल सेवा केंद्र, अंत्योदय भवन, सरल केंद्र के माध्यम से आनलाइन किए जाते हैं। आनलाइन करने की सरकार द्वारा निर्धारित फीस अटल सेवा केंद्रों में 30 रुपये और पांच रुपये प्रति पेज के हिसाब से आवेदन फार्म आनलाइन फीस है।

एक आईडी पर चलाए जा रहे कई सीएससी सेंटर

सरकार द्वारा स्थापित किए गए कॉमन सर्विस सेंटर को लेकर स्पष्ट गाइडलाइंस होने और तकनीकी खामियों का फायदा संचालक अन्य लोग उठा रहे हैं। एकएक आईडी का इस्तेमाल कईकई जगह पर हो रहा है और सरकारी योजनाओं दूसरी सुविधाओं को लेकर लोगों से मनमाफिक कीमत वसूल की जा रही है।  कैथल में तो एडीसी ने कार्रवाई करते हुए तीन सीएससी सेंटर संचालकों के लाइसेंस सस्पेंड कर दिए थे और लोगों से ली गई राशि लौटाने को लेकर भी नोटिस दिए थे। आमतौर पर ये सेंटर ऐसी सार्वजनिक स्थानों पर खुले हुए थे जहां आमजन का आवगमन ज्यादा रहता है।  

 सुविधा से ज्यादा कईओं के लिए मोटी कमाई का जरिया बना

भारत में एक बड़ी संख्या के लोग ऐसे हैं जो जानकारी के कमी होने के कारण विभिन्न योजनाओं के लिए अपना आवेदन नहीं कर पाते है। ऐसे सभी लोगों की सहायता के लिए केंद्र सरकार ने CSC Digital Seva का शुभारंभ किया है। सीएससी केंद्र सरकार द्वारा स्थापित के ऐसी योजना है जो सभी सरकारी सुविधाओं का लाभ नागरिकों तक पहुंचाता है। वर्तमान में जो फीस निर्धारित की गई थी उससे बड़ी चतुराई से पांच से 10 गुणा ज्यादा लेकर कुछ सीएससी संचालक एवं उन्हें संचालित करने वाले अधिकारी जमकर चांदी कूट रहे हैं।

जहां अधिकारी सजग वहां पकड़ में आ रहे मामले

 जहां अधिकारी सजग एवं ईमानदार है वहां मामले पकड़ में आ रहे हैं। जहां डीएम स्तर के नियुक्त अधिकारी मिले हुए है वे शिकायतों को ही इधर उधर कर देते हैं ताकि शिकायतकर्ता परेशान होकर समझौता कर ले। अधिकांश मामलों में ऐसा ही हो रहा है।

हर रोज करोड़ों रुपए की अवैध वसूली, जांच हो तो यह देश का सबसे बड़ा खेल

सेंटरों पर आने वालों में आधे ऐसे भी होते हैं जो 100 – 200 रुपए देकर फटाफट अपना काम कराने के पक्ष में रहते हैं। इसलिए उनके काम भी जल्द होते हैं। इसी तरह एक सेंटर पर रोज कई हजारों रुपए की अवैध वसूली हो जाती है जो हरियाणा स्तर पर इस खेल के आधार पर कई करोड़ों में पहुंच जाती है। यह खेल आज से नहीं बल्कि कईं सालों से चल रहा है। ऐसा नहीं है कि इस तरह के मामले अधिकारियों के संज्ञान में नहीं आते। मिली भगत कर सीएससी संचालक मनमाने पैसे लोगों से वसूल रहे हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो निष्पक्ष जांच होने पर  यह हरियाणा का सबसे बड़ा खुलेआम मान्यता प्राप्त घोटाला साबित होगा।

 जिला स्तर पर नियुक्त डीएम की जांच होने पर होगा पर्दाफाश

जहां से जिला प्रशासन के सीनियर अधिकारियों ने मामले पकड़े हैं वहां सीएचसी जारी करने वाले, संचालित एवं रिपोर्ट लेने वाले डीएम स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है। बिना इनकी मिलीभगत के किसी सीएचसी संचालक की हिम्मत नहीं की वह एक रुपया ज्यादा वसूल कर सके। दूसरा डीएम स्थानीय विधायक एवं प्रभावशाली नेता से बनाकर चलते हैं इसलिए कई शिकायतों में कार्रवाई करने से बच जाते हैं। इन नेताओं को अपने समर्थकों एवं चाहने वालों को सीएससी दिलाने में ज्यादा परेशानी नहीं होती।

 मेवात में डीसी की तत्परता से अवैध वसूली पर कंट्रोल

जब से डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने पांच सीएचसी संचालकों पर एफआईआर दर्ज करवा उनके लाइसेंस को रद्द करवाया है उसके बाद से जिले में सीएचसी की कार्यप्रणाली में गजब का बदलाव नजर आ रहा है। यह कार्रवाई सीएम विंडो एवं शिकायकर्ता द्वारा मौके पर चार गवाह बनाकर दिए गए शपथपत्र के आधार पर भी हुई है।

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