सरदार बन्दा सिंह बहादुर महान सिख सेनानायक थे। वे पहले ऐसे व्यक्तित्व थे जिन्होंने मुगलों के अजेय होने के भ्रम को तोड़ा और छोटे साहबजादों की शहादत का बदला लिया। यह बात दादरी से निर्दलीय विधायक और खाप सांगवान 40 के प्रधान सोमबीर सांगवान ने आज सरदार बंदा सिंह बहादुर की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि बंदा सिंह बहादुर ने गुरु गोबिन्द सिंह द्वारा संकल्पित प्रभुसत्ता सम्पन्न लोक राज्य की राजधानी लोहगढ़ में खालसा राज की नींव रखी। उन्होंने गुरु नानक देव और गुरू गोबिन्द सिंह के नाम से सिक्का और मोहरें जारी की साथ में समाज में दबे कुचले लोगों को उच्च पद पर बैठाया। उनकी सेना के 700 सैनिकों की शहादत को लोग आज भी याद करते हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर धरने के 167वें दिन खाप सांगवान चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, श्योराण खाप के प्रधान बिजेंद्र बेरला, फौगाट खाप से धर्मपाल महराणा, चौगामा खाप के मीरसिंह नीमड़ीवाली, सुखदेव पालवास, ओमप्रकाश दलाल, संतरा देवी, अन्तर कौर ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। धरने का मंच संचालन रणधीर घिकाड़ा ने किया। इस अवसर पर मास्टर ताराचंद चरखी, सुरजभान सांगवान, सुरेन्द्र कुब्जानगर, दयानंद रुहेला, सुरेंद्र कटारिया, जितेंद्र श्योराण, गोविंद शर्मा, राजकुमार हड़ौदी, मास्टर विनोद मांढी, महेंद्र जेवली, धर्मेन्द्र छपार, जितेन्द्र कटारिया, सत्यवान कालुवाला, रत्तन हड़ौदी, देशराम भांडवा, कमल सिंह, धर्मपाल हड़ौदी, राजेंद्र डांडमा इत्यादि मौजूद थे।