हैरान कर देने वाला फरमान : बड़ा सवाल :- हरियाणा बस एक्सीडेंट में DEO को जांच कमेटी मेंबर बनाया:इन्हीं पर थी छुट्‌टी के दिन स्कूल बंद कराने की जिम्मेदारी; DSP-SDM भी शामिल

हरियाणा में महेंद्रगढ़ जिले के उन्हानी गांव में स्कूल बस हादसे में 6 बच्चों की मौत के मामले में DC मोनिका की तरफ से 3 सदस्यों की जांच कमेटी बनाई गई है। कमेटी में SDM कनीना सुरेंद्र सिंह, DSP कनीना मोहन सिंह और जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) सुनील दत्त को शामिल किया गया।कमेटी के मेंबरों में सबसे चौंकाने वाला नाम DEO सुनील दत्त का है। चूंकि गजेटेड हॉलिडे (ईद) के दिन स्कूल खुलना ही अपने आप में सबसे बड़ी लापरवाही है। अगर स्कूल ही नहीं खुलता तो शराबी ड्राइवर बच्चों को लेने बस लेकर ही नहीं पहुंचा होता। सरकारी आदेश के बाद स्कूल को बंद कराने की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी की थी। ऐसे में DEO को सदस्य बनाने के बाद जांच कमेटी पर सवाल खड़े होने लग गए हैं। मामले में बस ड्राइवर धर्मेंद्र, प्रिंसिपल दीप्ति राव, सेक्रेटरी होशियार को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। हालांकि, स्कूल बस के अनफिट और खटारा होने की सूरत में लापरवाही बरतने के मामले में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की तरफ से नारनौल के रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (RTA) सचिव प्रदीप कुमार को सस्पेंड किया जा चुका है, लेकिन शिक्षा विभाग के किसी अधिकारी तक इतने बड़े हादसे की आंच अभी तक नहीं पहुंची है।

इनकी खुद की भूमिका पर सवाल, फिर जांच कैसी
अमूमन जिन अधिकारी पर सवालिया निशान लगते हैं या जिनकी भूमिका सवालों के घेरे में होती है, उनको हमेशा जांच से दूर करने के साथ ही वर्तमान कार्यभार से भी मुक्त कर दिया जाता है, ताकि जांच प्रभावित न हो, लेकिन यहां जिला शिक्षा अधिकारी को जांच कमेटी में शामिल करना अपने आप में ही बड़ा सवाल है।

ये मामले को एक तरह से ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश भी हो सकती है। इस पूरे घटनाक्रम में DEO और BEO की भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। हालांकि अभी तक इन दोनों ही अधिकारियों पर किसी तरह का एक्शन नहीं हुआ हैं।

ईद के दिन स्कूल बोर्ड चेयरमैन का अपना स्कूल भी खुला
हरियाणा में स्कूल शिक्षा महकमे के हालात इस कदर खराब हैं कि हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड (भिवानी) के चेयरमैन वीपी यादव का खुद का स्कूल भी गुरुवार को ईद की सरकारी छुट्टी होने के बावजूद खुला हुआ था। वीपी यादव का रेवाड़ी में सनग्लो नाम से अपना स्कूल है।

हादसे के वक्त गुरुवार दोपहर में जब वे रेवाड़ी अस्पताल में भर्ती बच्चों का हालचाल जानने पहुंचे तो मीडिया ने सरकारी छुट्टी के दिन उनके खुद के स्कूल के खुले होने का सवाल कर दिया। इस पर चेयरमैन साहब सकपका गए। उन्होंने ये कहते हुए बात टाल दी कि मुझे नहीं मालूम कि स्कूल खुला है या नहीं। हरियाणा में सरकार के गजेटेड हॉलिडे घोषित करने के बावजूद प्राइवेट स्कूल संचालक अपने स्कूल खुले रखते हैं।

रिटायर्ड ADC बोले- स्कूल, बस चालक पर कार्रवाई, अधिकारियों को संरक्षण क्यों?
रिटायर्ड ADC पुष्पेंद्र सिंह चौहान कहते हैं कि इस प्रकार की घटना भविष्य में न हो, इसको लेकर हरियाणा सरकार को सख्त एक्शन लेने की जरूरत है, ताकि यह एक मिसाल बने। स्कूल की मान्यता रद्द होगी, बस चालक पर तो कार्रवाई होगी, लेकिन अवकाश के दिन स्कूल खुलने पर सबसे पहले शिक्षा विभाग की सर्जरी होनी चाहिए, ताकि विभाग आगे से सक्रिय रहे।

चौहान कहते हैं कि यदि स्कूल में अवकाश होता तो घटना नहीं होती। इसके चलते इस समय तमाम दबाव, संबंध को दरकिनार कर सरकार को शिक्षा विभाग में सर्जिकल स्ट्राइक करनी चाहिए।

विपक्षी पार्टी भी मौन, ज्यादातर नेताओं के स्कूल
हादसे के बाद मामला अब राजनैतिक रूप लेता हुआ नजर आ रहा है। तमाम पार्टी के नेता पीड़ित परिवार से मुलाकात कर सांत्वना दे रहे है, लेकिन इन सब के बीच विपक्ष का कोई भी नेता स्कूलों के खिलाफ आवाज उठाने की जहमत नहीं नहीं उठा रहा। इसके पीछे का कारण स्पष्ट है। करीब-करीब सभी प्राइवेट स्कूल किसी न किसी नेता द्वारा संचालित हैं या फिर उनके संरक्षण में चल रहे हैं।

MLA जांच के हवाला देकर टाल गए सवाल
कनीना महेंद्रगढ़ जिले की अटेली विधानसभा सीट के अधीन आता है। ऐसे में स्थानीय विधायक सीताराम यादव से जांच कमेटी में जिला शिक्षा अधिकारी को शामिल पर सवाल किया गया। MLA सीताराम जांच का हवाला देकर बात टाल गए। साथ ही कहा कि सरकार जल्द ही उचित मुआवजे को लेकर घोषणा करेगी। (News Credit – Dainik Bhaskar)