16 अप्रैल के बाद हिमाचल आने वालों के लिए आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी, 45 दिन में 120 मौतें

हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप और मृत्यु दर में लगातार वृद्धि को देखते हुए सरकार ने हाई लोड वाले सात राज्यों में पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से आने वाले सभी व्यक्तियों पर इस माह की 16 तारीख के उपरान्त  आने के लिए 72 घण्टे पहले की आरटीपीसीआर नेगटिव रिपोर्ट लानी होगी। ये निर्देश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कोरॉन्ना वायरस की स्थिति पर एक समीक्षा बैठक के बाद जारी किए। बैठक में बताया गया किउन्होंने  गत 45 दिनों के दौरान 10,690 कोविड के प्रदेश में मामले रिपोर्ट किए गए हैं।  इसके अतिरिक्त कोरोना के कारण मृत्यु के मामले भी बढ़े हैं जिसमें गत 45 दिनों के दौरान प्रदेश में 120 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा  वर्तमान में प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पर्यटकों को आने की अनुमति प्रदान की है लेकिन इसके साथ वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई मानक संचालन प्रक्रियाओं का होटल मालिकों तथा पर्यटकों द्वारा कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। ठाकुर ने प्रदेश में कोविड-19 के मामलों में अचानक आई तेजी के कारण उभरी स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के कड़े निर्देश दिए। माईक्रो कंटेनमेंट जोन की प्रभावी निगरानी के साथ जांच, ट्रेसिंग तथा उपचार की दोहरी रणनीति पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आरटीपीसीआर जांच के 70 प्रतिशत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आरटीपीसीआर जांच पर भी अधिक बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने के लिए भी आवश्यक कदम उठाने चाहिए। ठाकुर ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग को वैक्सीन के न्यूनतम अपव्यय को भी सुनिश्चिित करना चाहिए। उन्होंने माना कि वायरस का तेजी से फैलना बेहद चिन्ता का विषय है। मुख्य मंत्री  ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नवरात्रों के दौरान श्रद्धालुओं को प्रदेश में विभिन्न मंदिरों के भ्रमण पर आने की अनुमति प्रदान की है लेकिन इसके साथ ही लंगर, भण्डारे तथा जागरण के आयोजन पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगाया गया है।  श्रद्धालुओं को सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए तथा फेस मास्क पहनकर पूजा एवं दर्शन करने के लिए मंदिरों में अनुमति प्रदान की है। मंदिर प्रबन्धन को राज्य सरकार द्वारा जारी की गई मानक संचालन प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करना होगा। 

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